आदर्श आचार संहिता लागू होते ही परिवहन विभाग ने ठोका 4000 का जुर्माना ..

आदर्श आचार संहिता लागू होने पर परिवहन विभाग के जांच दल द्वारा बिछुआ-नागपुर मार्ग में की गई वाहनों की सघन जाँच 8 वाहनों से लिया गया 4000 रूपये का जुर्माना
छिन्दवाड़ा/ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा किये जाने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रशासन चुनावी मोड़ में आ गया है ! इसी के साथ ही  परिवहन विभाग के जांच दल द्वारा आज बिछुआ-नागपुर मार्ग पर वाहनों की सघन जाँच की गई जिसमें बिना एच.एस.आर.पी.नम्बर प्लेटों की जांच का कार्य प्रमुखता से कर कार्यवाही की गई। जांच के दौरान परिवहन जांच दल द्वारा सवारी बसों, ऑटो रिक्शा और सभी प्रकार के यात्री वाहनों सहित अन्य सभी छोटे-बड़े वाहनों की फिटनेस संबंधी बारीकी से जाँच की गई।    
         अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री मनोज तेहनगुरिया ने बताया कि परिवहन जांच दल द्वारा वाहनों के सभी दस्तावेजों की जाँच की गई जिसमें वाहनों के परमिट, फिटनेस, बीमा, प्रदूषण प्रमाण पत्र, वाहन चालक के पास वाहन के अनुसार योग्य व वैध लाइसेंस की जाँच के साथ ही वाहनों में सुरक्षा संबंधी उपकरण जैसे अग्नि शमन यंत्र, फर्स्ट एड बॉक्स, आपातकालीन द्वार, वाहनों की परिस्थिति चलने योग्य है या नहीं आदि ऐसे सभी बिन्दुओं पर सूक्ष्मता से जाँच की गईं तथा आने वाले समय में भी यह जांच निरंतर जारी रहेगी और जिस वाहन में कुछ विशेष खामियां पाई जाती हैं तो उन वाहनों की यथा स्थान सवारी खाली करवाकर उस सवारी वाहन का तत्काल फिटनेस निरस्त किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि वाहनों की चैकिंग के दौरान जिन वाहन संचालकों द्वारा मोटरयान  अधिनियमों का उल्लंघन करने और वाहनों में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर ऐसे वाहनों पर तत्काल चालानी कार्यवाही करते हुये 8 वाहनों 4000 रूपये का जुर्माना लिया गया। साथ ही एक मैजिक वाहन क्रमांक एमपी 51 टी 355 बिना परमिट व बिना फिटनेस के संचालित पाये जाने पर उमरानाला चौकी में सुरक्षार्थ खड़ा कराया गया । उन्होंने वाहन चालकों को निर्देशित किया कि वे वाहन चलाते  समय यातायात नियमों का पालन करें जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना को होने से रोका जा सके ।

आवासीय क्षेत्रों में नियमानुसार गति से वाहन चलाये और अपने वाहनों में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट शीघ्र लगवायें ।  साथ ही अन्य वाहन संचालकों को समझाईश दी गई कि अगर जिस वाहन संचालक की भविष्य में इस तरह की शिकायतें प्राप्त होती हैं तो परिवहन अधिकारी द्वारा उन वाहनों का परमिट निरस्त करते हुए उन वाहनों की जप्ती की कार्यवाही भी की जायेगी।