चीतों को लेकर चिंता , केंद्र सरकार को पत्र..

कूनो नेशनल पार्क में दूसरे चीतें की मौत के बाद चीतों को यहाँ से हटाने को लेकर वन विभाग में मंथन जारी है ! विभागीय जानकारों के मुताबिक वन विभाग ने चीतों की बढ़ती संख्या के चलते कुछ को दूसरी जगह शिफ्ट करने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। इसमे एक्शन प्लान के मुताबिक चीतों की संख्या से अधिक को दूसरी जगह शिफ्ट करने का अनुरोध किया गया है। इसके पीछे की कहानी कुछ ओर ही बताई जा रही है ! जब इसकी पड़ताल की गई तो सम्बंधित महकमा वस्ताबिकता से परे कहानी कुछ और ही कह रहा है ! अब इस पर कितना यकीन किया जाय समझ से परे है ….

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) जसबीर सिंह चौहान ने कहा कि हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कुछ चीतों को दूसरी  अनुकूल  जगह पर शिफ्ट करने को पत्र लिखा हैं। उन्होंने कहा कि कूनो में एक्शन प्लान के अनुसार 20 से 25 चीते रह सकते है। कूनो में दो चीतों की मौत के बाद 22 चीते हैं। यदि कोई दूसरी मादा चीते बच्चे देती है तो इनकी संख्या बढ़ेगी। इसको ध्यान में रखते हुए हमने केंद्र को पत्र लिखकर निवेदन किया है। कितने चीतों को शिफ्ट किया जाना होगा यह केन्द्रीय दल तय करेंगा

 
अधिकारी बताते है कि कूनो में चीतों की संख्या बढ़ रही हैं। पहले नामीबिया से 8 चीतों को कूनो में छोड़ा गया। इसके बाद साउथ अफ्रीका से 12 चीतों को लाया गया। एक माह पहले मादा चीता ने चार बच्चों को जन्म दिया है। अभी तीन चीते बाढ़े से बाहर है। बाकी सभी अंदर है। अभी चीतों के लिए रखने और खाने के लिए पर्याप्त सुविधा है, लेकिन बढ़ती संख्या में समस्या बढ़ेगी।

ज्ञात हो कि मार्च में चीता साशा की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। विशेषज्ञों ने किडनी में इंफेक्शन से मौत होने का कारण बताया था। वहीं कल सुबह अचानक चीता उदय की अचानक स्वास्थ्य खराब हुआ। उसकी शाम चार बजे मौत हो गई। अभी चीता उदय की मौत को लेकर विशेषज्ञों की तरफ से कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। तो अब यह सवाल है की क्या कूनों की भौगोलिक और पर्यावरणीय स्थिति चीतों के स्वास्थ्य को लेकर अनुकूल है ? पर्यावरण विदों का मानना है की वन विभाग वास्तविकता को सही ढंग से बता नही पा रहा है !