खबरदार..यहाँ न कोई पियेगा और ना शराब बेचेगा ..

मध्यप्रदेश में जो काम प्रदेश सरकार नही कर पाई वह फैसला जिले की एक ग्राम सरकार ने लेकर राजनेताओं के मुहँ में तमाचा जड़ने का काम किया है ! सरकारे पैसा कमाने के लिए सामाजिक बुराई को जड़ से ख़त्म नही करना चाहती है , शराबबंदी को लेकर बहुत हो हल्ला मचाने बाली  साध्वी उमा भारती ने नई शराब नीति पर शिवराज की पीठ थपथपाई ,स्वागत कर नौटंकी का पटाछेप किया ! 

शिवराज सरकार ने नई शराब नीति जारी कर आहते बंद कर पूरे प्रदेश के गली-मोहौलों को मयखाना बना दिया ! आज आलम यह है की शहर से लेकर गाँव तक की सडकें , सार्वजनिक जगहों पर मदिरा प्रेमी शाम होते ही जाम छलकाते दिखाई पड रहे है ….खैर  जो काम सरकारे नहीं कर पाई उसे कर दिखाया है ग्राम सरकार ने ,पंचायत ने , जिसको भी यह खबर लगी उसने दिल से शाबाशी दी , इस तरह के फैसलों से समाज में जागरूकता आएगी और सामाजिक समरसता का सुखद वातावरण निर्मित होगा ..राकेश प्रजापति 

प्रदेश के एक जिले में नशाबंदी और शराबबंदी को लेकर गांव में फैसला हुआ है कि गांव में ना तो कोई शराब पियेगा और ना ही शराब बेचेगा। अगर ऐसा करता कोई पाया गया तो उस पर 10 हजार जुर्माना राशि तय की गई है। साथ ही सामाजिक रूप से गांव से बहिष्कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने पंचायत में जो फैसला लिया है, उसकी सूचना रामनगर थाना टीआई एवं अन्य जिम्मेदार विभागों को दिए जाने की बात कही है।

ज्ञात हो कि ये अनोखा फैसला प्रदेश के सतना जिले के बड़ा इटमा गांव में लिया गया है। यहां के लोगों ने शराब के खिलाफ ये मुहिम शुरू की है। बड़ा इटमा के ग्रामीणों ने 21 अप्रैल अंबेडकर जयंती के दिन आम सभा आयोजित कर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत शराबबंदी करने का फैसला लिया है।

सरपंच प्रतिनिधि सुभाष पांडे की मानें तो पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत अवैध शराब बिक्री जोरों पर है। गांव के हर मोहल्ले में शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है। जिसके चलते समाज के युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। जिससे कई प्रकार के घरेलू हिंसा और अपराधों को बल मिल रहा है। पंचायत के लोगों ने समाज में बढ़ रही इस कुरीतियों को समाप्त करने के लिए फैसला किया है