भाजपा नेता ने आदिवासी युवक के गुप्तांग की चमड़ी प्लेयर से खींच, बेदम पिटाई..

मध्य प्रदेश आदिवासियों पर जुल्मो सितम की राजधानी बन गया है ! यहाँ आए दिन इस वर्ग के लोगों पर प्रताड़ना के रोंगटे खड़े कर देने बाली वारदाते सामने आ रही है ! गौर करने बाली बात यह है की इन निरीह भोले-भाले लोगों पर भारतीय जनता पार्टी के लोग या इनके समर्थक ही दानवी प्रवृति का प्रदर्शन करते नजर आए है ! इस हैवानियत के कारनामो पर भाजपा की सरकार कोई ठोस कार्यवाही करती नजर नही आई है ! क्या भाजपा सरकार प्रदेश से दलित,आदिवासी समाज को लोगो से मुक्त प्रदेश बनाने की मनसा पर तो काम नही कर रही है ..

प्रदेश के मूल निवासी आदिवासियों पर जुल्म थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर सिवनी में एक आदिवासी युवक की दर्दनाक पिटाई का वीडियो वायरल होने से तूफ़ान खड़ा हो गया है । जिले के भाजपा नेता विजय सूर्यवंशी के परिवार के सदस्यों ने आदिवासी युवक संतोष काकोड़िया को जल्लादों की तरह पिटा। उसके परिवार के सामने ही नोज प्लायर से उसके पैरों के नाखून व गुप्तांग की चमड़ी को खींच-खींचकर मरणासन्न कर दिया।

भाजपा नेता विजय सूर्यवंशी के परिजनों और उनके नौकरो ने आदिवासी युवक संतोष काकोड़िया को चोरी के आरोप में बंधक बनाकर उसे बेइन्तेहा बुरी पीटा और उसकी जमीन हड़पने की कोशिश भी की है। आदिवासी युवक संतोष काकोड़िया को भाजपा नेता ने थर्ड डिग्री दिया है। वीडियो में भाजपा नेता युवक के पैर की चमड़ी और नाखुनों को नोज प्लायर से खींचते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि युवक के गुप्तांगों को भी नोज प्लायर से खिंचकर उसकी डंडो से पिटाई की गई। घटना के बाद वीडियो में आदिवासी युवक संतोषा काकोड़िया अपने शरीर पर लगे चोटों को दिखाते हुए नजर आ रहा है।

सिवनी एसपी राकेश कुमार सिंह और थाना प्रभारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा नेता विजय सूर्यवंशी के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर खबर आ रही है कि भाजपा नेता विजय सूर्यवंशी के परिजनों द्वारा जमीन हड़पने के लिए किये गये अत्याचार को लेकर आदिवासी समाज ने आगामी 22 फरवरी को आंदोलन करने का निर्णय लिया है।

ज्ञात हो कि बीते दिनों बैतुल में भी एक आदिवासी युवक को नंगा करके उल्टा लटकाकर उसके साथ मारपीट की गई थी। सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना से पूरा देश शर्मशार हुआ था। नेमावर में एक ही परिवार के 5 आदिवासियों की हत्या करने के बाद गड्डा खोदकर गाड़ने की घटना सामने आई थी। इस तरह की अनेकों घटनाएं मध्यप्रदेश में थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है की क्या भाजपा के लोग प्रदेश को दलित आदिवासियों से मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में काम तो नही कर रही है ?