कमलनाथ को लेकर विभाजित नजर आई भाजपा ..

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों को अब विराम सा लगता नजर आ रहा है। तीन दिनों से चली आ रही नौटंकी का पटाक्षेप अब खुद कमलनाथ ने सामने आकर भाजपा में नहीं जाने की बात कही है। इसे लेकर वे कुछ देर में मीडिया से विस्तार से बात करेंगे। लेकिन इधर माना जा रहा है कि भाजपा के एक धड़े के विरोध के बाद कमलनाथ की भाजपा में एंट्री नहीं हो सकी….

ज्ञात हो कि बीते कुछ दिनों से चर्चा गर्म थी कि कमलनाथ अपने बेटे के साथ भाजपा में जाएंगे। छिंदवाड़ा के दौरे रद्द कर अचानक दिल्ली पहुंचना, मीडिया से बातचीत में स्थिति स्पष्ट न होने से अफवाहे मिडिया में तैरती रही। कमलनाथ के इस समय भाजपा में आने से भाजपा को कोई बड़ा फायदा होता नहीं दिख रहा, वहीं पार्टी के ही कई नेता कमलनाथ को लेकर साफ कह चुके हैं कि उनके लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं। भाजपा के पूर्व महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बार-बार कमलनाथ के भाजपा में आने का विरोध करते देखे गए।

भाजपा नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कहा था कि मध्य प्रदेश भाजपा में उनके लिए कोई जगह नहीं है। प्रदेश भाजपा में उनके लिए दरवाजे बंद हैं। वहीं भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा भी कमलनाथ के भाजपा में आने की बात पर नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि देश के अंदर साल 1984 में जो सिखों का नरसंहार हुआ था. उस नरसंहार के कमलनाथ एक मुख्य आरोपी है. उन्होंने कहा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी कमलनाथ के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भाजपा में आने की खबर ने प्रदेश भाजपा में गुटबाजी को सामने लाकर खड़ा कर दिया है ! प्रदेश भाजपा के कई नेताओं ने कमलनाथ के भाजपा में आने पर स्वागत करने की बात कही थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान में कहा था कि कोई भाजपा में आना चाहता है तो उसका स्वागत है, वहीं पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तो खुद कमलनाथ को भाजपा में शामिल हो जाने का न्योता दिया था। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी कहा था कि कमलनाथ भाजपा में आएंगे या नहीं, इसका निर्णय तो वे ही लेंगे लेकिन हमारे दरवाजे हर उस व्यक्ति के लिए खुले हैं जो देश का विकास और तरक्की चाहता है। इस अभियान का हिस्सा बनना चाहता है।