प्रशासन की आँख ना खुली तो करेंगे आत्मदाह ..

नि:शुल्क ऑपरेशन के नाम पर करोड़ों का फर्जीवाड़ा , अस्पताल प्रबंधन के अंधत्व की कौन करेगा सर्जरी , है कोई माई का लाल ..

बीते कुछ बर्षों से जिले की स्वास्थ्य सेवाए शासकीय अधिकारीयों की अनदेखी के चलते दम तोड़ चुकी है , खासकर शासकीय अस्पताल पर माफिया राज कर रहे है ! इसकी चिंता ना तो जिला प्रशासन को है और ना ही जनप्रतिनिधियों को , जिसका खमियाज जिले की भोली भाली पीड़ित जनता को भुगतना पड रहा  है ! सभी जिम्मेदार लोग अपनी-अपनी आँखों में पट्टी बांधकर गांधारी का रूप धारण किए हुए है और इन बहुरूपियों ने रौशनी विहीन आँखों को रौशनी दिखाने के नाम पर करोड़ों का डंका डालने का काम किया है ! जिले में है कोई माई का लाल शासकीय अधिकारी, जो इस फर्जीवाडे को अंजाम देने बाले लोगों को जेल के सीखचों तक  पहुचने की हिम्मत रखता हो  …राकेश प्रजापति  

आज जिले के एक समाजसेवी व्यक्ति ने अंधत्व मुक्त भारत योजना में हुए भ्रस्टाचार की परतों को उजागर करने का काम किया है , जिले में सक्रिय समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने प्रेस वार्ता कर लायंस क्लब परासिया लायंस ऑई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया जिला छिंदवाड़ा द्वारा की जा रही धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए बताया कि,, लायंस क्लब लायंस सेवा समिति एनजीओ संस्था जो की विगत 5 वर्षों से परासिया में अपना अस्पताल बनाकर के आंखो संबंधी इलाज की सेवाएं दे रही है।

भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक अंधत्व मुक्त भारत के अंतर्गत आंखों के अस्पतालों को निर्धनों गरीबों का शिविरों के माध्यम से नि:शुल्क मोतियाबिंद का ऑपरेशन करना बताया गया। आम जनता जनार्दन को नि:शुल्क फ्री जैसे शब्द आ जाने पर सेवा भाव प्रतीक होता है। किंतु शासन इन अस्पताल संचालकों को प्रति मरीज मोतियाबिंद ऑपरेशन का 2000/- रुपए का नगद शुल्क इन्हें देती है। तो यहां सेवा के नाम पर मेवा खाना जैसा प्रतीक होता है।

समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने इस महत्वपूर्ण विषय को पर्दाफाश करने के लिए सर्वप्रथम सीएचएमओ जिला छिंदवाड़ा, क्षेत्रीय संचालक महोदय स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर संभाग, लोक सूचना अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश भोपाल को बिगत पांच माह से निरंतर आरटीआई लगा करके समस्त सत्यापित प्रमाणित दस्तावेजो की छायाप्रति को संग्रह किया है। दस्तावेजों में पाया गया लायंस ऑई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया जिला छिंदवाड़ा द्वारा जिला छिंदवाड़ा में मोतियाबिंद के नि:शुल्क ऑपरेशन के नाम पर जो शिविर लगाए गए हैं उसमें वर्ष 2018-19 में 1250 ऑपरेशन, वर्ष 2019-20 में 4565 ऑपरेशन, वर्ष 2020-21 में 3146 ऑपरेशन, वर्ष 2021-22 में 4106 ऑपरेशन, वर्ष 2022-23 में 4891 ऑपरेशन नि:शुल्क कर शासन से वर्ष 2018 में 25,00,000/-रुपए वर्ष 2019 में 91,30,000/- रूपये,वर्ष 2020 में 62,92,000/- रुपए,वर्ष 2021 में 82,12,000/रुपए वर्ष 2022 में 97,82,000/- रुपए नगद पाया। वर्ष 2022/23 में 3269 आपरेशन का 65,38,000/- राशि पाने के लिए बिल लगाया था। यह बिल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा को दिया गया। अधिकारियों को संदेह होने पर लायंस ऑई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया से वर्ष 2022/23 में किए गए समस्त ऑपरेशनो के दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश जारी हुए।

लायंस ऑई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया जिला छिंदवाड़ा द्वारा 3269 ऑपरेशनों के जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए इसके लिए एक जांच दल समिति बनाई गई जिसमें छिंदवाड़ा जबलपुर एवं भोपाल के ऑफिसरो ने काम किया। जांच दल ने जांच के दौरान समस्त दस्तावेजो में 90% फर्जी पाए गए मरीज का नाम, मरीज का पता, मरीज का मोबाइल नंबर यह सब दस्तावेजों में गलत पाया गया। जिसके चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश द्वारा लायंस ऑई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर परासिया जिला छिंदवाड़ा का एम.ओ.यू. रद्द किया गया। संस्था का 18- 4- 2023 एम.ओ.यू. रद्द होने के पश्चात जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मोतियाबिंद ऑपरेशन जांच शिविर लगाने संबंधी किसी भी प्रकार की कोई भी अनुमति शासन से प्राप्त नहीं है।

समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने आरोप लगाया (१) लायंस आई हॉस्पिटल में जो दवाइयां लिखती है वह केवल परासिया के एक ही मेडिकल में मिलती है हिंदुस्तान में कहीं नहीं मिलती। (२) इनके अस्पताल में नि:शुल्क ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से लेंस के नाम पर हजारों में पैसा वसूला जाता है। (३) नौसीखिये डॉक्टर लाकर लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं और कोई भी डॉक्टर इनके अस्पताल में 6 माह से अधिक नहीं रुकता। (४) वर्ष 2020 एवं 21 में पूरे भारत देश में कोरोनावायरस फैला हुआ था पूरा भारत देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। उसके बावजूद इन्होंने हजारों की संख्या में कैसे ऑपरेशन कर शासन से करोड़ों रुपए लिए। (५) जिस जगह लायस आई चिकित्सालय का निर्माण किया गया है वहां एकलव्य लाइब्रेरी की स्थापना की गई थी, चिकित्सालय निर्माण कै पहले इन समाज सेवियों ने एकलव्य लाइब्रेरी को सुरक्षित रखना की बात कही थी लेकिन वह हॉस्पिटल के लिए अतिक्रमण कर ली गई है।

समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया में आज प्रेस वार्ता में पत्रकारों के समक्ष सभी प्रमाणित दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किए उन्होंने कहा कि इसके उपरांत मंगलवार को जनसुनवाई में माननीय जिला कलेक्टर को समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे ! समाजसेवी रिंकू रितेश चौरसिया ने अगाह किया कि 15 दिन के अंदर में कार्रवाई नहीं होती है  तो वह कलेक्ट के सामने अनशन पर बैठेंगे और न्याय ना मिलने की उम्मीद में वह जनहित में अग्नि दाह करेंगे।