फिर कर्ज , सरकार तीन माह में 15 हजार 500 करोड़ का कर्ज ..

प्रदेश की जनता को यह बात अच्छी तरह से जान लेना चाहिए की  मध्य प्रदेश बीते 20 सालोँ से कर्ज पर चल रहा है ! प्रदेश की जनता महंगाई की मर झेल रहा है बेरोजगारी युवाओं के भविष्य को उदरस्त करने में आमादा है ,फिर भी सरकारों को इसकी फ़िक्र नहीं है ! सरकारे उधार की रबड़ी धर्म और छदम हिंदुत्व की आड़ में चटा रही है खैर ! आज हम सिर्फ कर्ज की बात करे तो ….

मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार  एक बार फिर कर्ज ले रही है । सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज 16, 20 और 21 साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूर कराया है। यह राशि सरकार के खाते में 27 मार्च को आएगी। राज्य सरकार तीन माह में 15 हजार 500 करोड़ का कर्ज ले चुकी है।

मध्य प्रदेश सरकार रिजर्व बैंक से अगले सप्ताह तीन हिस्सों में कर्ज लेगी। पहला कर्ज 20 साल के लिए दो हजार करोड़, दूसरा कर्ज दो हजार करोड़ का 21 साल के लिए और तीसरा कर्ज एक हजार करोड़ का 22 साल के लिए लेगी। इस वित्तीय वर्ष में सरकार पर पांच हजार करोड़ रुपये मिलाकर कुल कर्ज 42 हजार 500 करोड़ रुपये हो जाएगा। अब तक सरकार पर कुल कर्ज का भार तीन लाख 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। 2024 में 23 जनवरी को ढाई हजार करोड़ रुपये, 6 फरवरी को 3 हजार करोड़ रुपये और 20 फरवरी को 5 हजार करोड़ रुपये और 27 फरवरी को 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा चुका है।

प्रदेश सरकार ने विधानसभा के हालिया सत्र में 30,265 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया था। इसमें मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना, विद्युत वितरण कंपनियों के लिए उदय योजना में अंशपूंजी और ब्याज अदायगी के लिए मोटी रकम रखी गई है।  प्रदेश के बजट पर सबसे ज्यादा लाडली बहना योजना का ही भार आ रहा है….