अनामिका के परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों ,छात्रावास और आश्रमों के बुरे हाल है ! यहाँ कमीशनखोरी और अनियमितताओं का बोलबाला है ! आये दिन विवादास्पद मामलों की काली छाया से आच्छादित यह विभाग हमेशा सुर्ख़ियों में बना रहता है ! कन्या शिक्षा परिसर स्थित संयुक्त सीनियर कन्या छात्रावास में गत दिवस कक्षा 9वी में पड़ने बाली मासूम छात्रा फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी इस घटना पर परिजनों का आरोप है कि हमारी लड़की आत्महत्या नहीं कर सकती जिस जगह पर कपड़ा बांध गया था उसकी ऊंचाई काफी ज्यादा थी एक छोटी बच्ची जिसकी खेलने की उम्र है उसके द्वारा ऐसा नहीं किया जा सकता । हमें अंदेशा है कि उसकी हत्या हुई है हम न्याय चाहते हैं….

ज्ञात हो कि आदिवासी कन्या छात्रावास छिंदवाड़ा में संदिग्ध परिस्थितियों में एक 14 साल की छात्रा का शव फंदे पर लटका मिला था। मृतक छात्रा का नाम अनामिका धुर्वे था, जो मैनिखापा की रहने वाली थी। इस छात्रा की मौत को लेकर प्रथम दृष्टया यह कहा जा रहा था कि उसने फंदा लगाकर आत्महत्या की है। लेकिन उसके परिजनों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपनी बेटी की मौत पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि उनकी बेटी की मौत आत्महत्या करने से नहीं हुई, बल्कि उसकी हत्या की गई है। लड़की के पिता सहसराम धुर्वे ने कलेक्टर के नाम की शिकायत में बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में होनहार थी और वह ऐसा कदम नहीं उठा सकती, जरूर उसके साथ कुछ गलत हुआ होगा। वहीं उन्होंने छात्रावास प्रबंधन पर जानकारी न देने तथा घटना से कुछ दिनों पहले उसे छात्रावास अधीक्षिका सहित सीनियर लड़कियों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि छात्रावास के अधिकारी के द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है कि उनकी बेटी की मौत किस तरह से हुई।

गौरतलब है कि इस मामले में आदिवासी विभाग भोपाल के द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए छिंदवाड़ा के सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम और छात्रावास अधीक्षक का तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। ऐसे में एक जांच टीम भी छिंदवाड़ा पहुंची थी, जो जांच करके चली गई है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार मौत का क्या कारण था, जिसको लेकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से इन्कार  कर रहे हैं।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक छात्रावास में हुई मौत के मामले में एक विशेष जांच टीम छिंदवाड़ा आई थी, जिसमें जांच अधिकारी सुधांशु वर्मा थे। इस सारे मामले को मंडल संयोजक रफे-दफे करने में लगा हुआ है क्योंकि इसकी भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है , जानकारों के मुताबिक़ मंडल संयोजक रवि कनोजिया सिर्फ चन्दा बसूली में ही लगा रहता था , जबकि इनकी ड्यूटी है की वह छात्रावास , आश्रमों के संचालन संधारण की व्यवस्था पर नजर रखे …