मलबे में दबने से एक मजदूर की मौत ,बर्षों से जमे है श्रम पदाधिकारी ..

जिले में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में या अन्य असंगठित क्षेत्रो में कार्य करने बाले मजदूरों का भविष्य ही नहीं वल्कि उनकी जन को ख़तरा बना रहता है ! इसे कई उदहारण है जहाँ  जिले में अनेकों औद्योगिक इकाइयों में हादसों में मजदूरों की जान चली गई है ! औद्योगिक इकाइयां उनके सुरक्षा के मापदंडों को नजरअंदाज किया जाता है ! इसका सबसे बड़ा कारण है की यहाँ श्रम कानूनों की अनदेखे की जाती है या की जा रही है ! जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक ढंग से नही कर रहे है ! जिले में श्रम पदाधिकारी अनेक बर्षों से पदस्थ है जो सिर्फ यहाँ खानापूर्ति के लिए विजिट करते है , उन्हें औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत मजदूरों से कोई लेना देना नही है ! मजदूर संगठनों के पदाधिकारी श्रम पदाधिकारी पर महीना वसूली जैसे गंभीर आरोप लगाते है ! जिला प्रशासन को इसपर  संज्ञान लेते हुए जिला श्रम पदाधिकारी को तलब करना चाहिए और बर्षों से जिले में जमे होने के चलते तत्काल उनका प्रदेश के अन्य जिलों में तबादला करने के लिए कार्यवाही की जानी चाहिए ..राकेश प्रजापति 

छिंदवाड़ा जिले के सौंसर औद्योगिक क्षेत्र बोरगांव में स्थित फैक्ट्रियों में कार्यरत कामगारों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। कंपनियों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने से लगातार हादसे सामने आ रहे हैं। गत दिवस औद्योगिक केंद्र विकास निगम स्थित एव्हीजे एग्रो कंपनी में अचानक एक सायलो (रसायन से भरा बड़ा टैंक) गिर गया। सायलो के मलबे में दबने से एक मजदूर की मौत हो गई। वहीं एक अन्य मजदूर दूसरा घायल है। सायलो के नीचे दबे मजदूर के शव को बाहर निकालने में दस घंटे का समय लगा..

लोधीखेड़ा टीआई जितेंद्र यादव ने बताया कि कंपनी में मंगलवार सुबह लगभग 10 बजे एक सायलो अचानक गिर गया। यहां काम कर रहे कामगारों में से एक बिहार के घीवा निवासी 19 वर्षीय मिथलेश कुमार पिता सुरेन्द्रराम सायलो के मलबे में दब गया था। वहीं, मलबे की चपेट में आने से बिहार के मोहनपुर कटरा निवासी 26 वर्षीय जयकृष्ण पिता खटराम कुमार को गंभीर चोट आई है। घायल को महाराष्ट्र सावनेर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिथलेश का शव बाहर निकालने रेस्क्यू टीम को दस घंटे का वक्त लगा। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।

उक्त फैक्ट्री में कार्यरत कामगारों ने अपने साथी की मौत पर आक्रोश जताया। इस कंपनी में ज्यादातर मजदूर दूसरे राज्य से हैं। कामगारों की माने तो प्रबंधन द्वारा कामगारों के सुरक्षा की अनदेखी की जाती है। शिकायत करने पर काम से निकालने की धमकी दी जाती है।