फूंके हुए कारतूसो के भरोसे , लक्ष्य हासिल कर पाएगी भाजपा ? 

बीते कुछ दिनों से कांग्रेस ऑर कमलनाथ के गड में नेताओं का पार्टी में भगदड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस पार्टी के लाख कोशिशों के बावजूद कोई न कोई नेता या पूर्व मंत्री, विधायक भाजपा में शामिल हो ही रहा है। सभी कांग्रेस से जाने बालों का कहना है कि कमलनाथ से उनके कोई तकलीफ नही है परन्तु उनके आफिस वेयरर (नौकरो) उनके स्वाभिमान को आहात और बेज्जत करने का काम कर रहे है और कमलनाथ ,नकुलनाथ ध्रतराष्ट बने हुए है ! बड़ी संख्या में कांग्रेसियों के भाजपा में आने से भाजपा खेमे में सतही तौर पर तो उल्लाहस का वातावरण दिखाई पड़ रहा है परन्तु  वास्तविक स्थिति  में पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता और संघ में नाराजगी के स्वर सुनाई पड़ने लगे है ! अब सबल यह उठता है कि क्या यह सब सामान्य प्रक्रिया है या किसी कूटनितिक चाल का हिस्सा है ! पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं और राष्ट्रिय स्वंय सेवक संघ की नाराजगी भविष्य में क्या रंग लाती है इसके लिए इन्तजार ही किया जा सकता है खैर ….राकेश प्रजापति

आज भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी विवेक बंटी साहू अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे ! उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के साथ प्रदेश भाजपा अक्ष्यक्ष वी पी शर्मा  विशेष रूप से शामिल हो रहे है ! पार्टी सूत्रों के मुताबिक कल नामांकन रैली में प्रत्याशी बंटी साहू के साथ विशेष अतिथियों का साथ तो होगा ही परन्तु उनके साथ हाल ही में कांग्रेस पार्टी से आए हुए नेताओ व कार्यकर्ताओं का भी प्रदर्शन किए जाने पर विचार किया जा रहा है ताकि जनता में सीधा सन्देश जाय की अब कांग्रेस का पतन होने जा रहा है ! वही दशहरा मैदान पर भी इन आयातित नेताओं का प्रस्तुतिकरण मंच से किया जाना प्रस्तावित है !

नाराज आर एस एस के नेता अब दावी जुवान से इस बात को स्वीकार करने में जरा भी कोताही नही बरत रहे है कि आज की भाजपा में आर एस एस का अब वो महत्त्व  नही रह गया है जो पहले हुआ करता था ! नही तो आज लोकसभा का टिकट पर डॉ गगन कोल्हे प्रत्याशि होते , बंटी साहू का परफार्मेंस बीते चारो चुनाव जिसमे विधानसभा ,लोकसभा,पंचायत और नगर निगम सभी में निराशाजनक रहा है !

आर एस एस के नेताओं का मानना है की कांग्रेस से आये नेताओं को वे मौका परस्त और बेईमान मानते है और उनका मानना है की ये कांग्रेस के फूंके हुए कारतूस के खोल मात्र है ! जो कमलनाथ रूपी बारूद का साथ छोड़ते ही अपना अस्तित्व स्वंय खो चुके है ! ये बस भीड़ की शक्ल का हिस्सा तो हो सकते है परन्तु भीड़ लाने और वोटरों को अपने पक्ष में खड़ा करने में सक्षम नहीं रहा गए है !  तो अब ये बड़ा सवाल है कि क्या फूंके हुए कारतूसो के भरोसे , लक्ष्य हासिल कर पाएगी भाजपा ?