सिल्लेवानी घाटी में बाघ की चहलकदमी ..

खबरदार …. अगर आप नागपुर मार्ग पर रात्रि के वक्त गुजर रहे है, तो आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दरअसल सौसर वन परिक्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में बीते एक माह से वन प्राणियों की आवाजाही बनी हुई है और लगातार इन क्षेत्रों में बाघ – तेंदुए अक्सर मुख्य मार्ग पर चहलकदमी कर रहे है और राहगीरों को दिखाई पड रहे है, परन्तु मजे की बात है यह है कि इस बात से अंजान वन विभाग का अमला चैन की नींद में खर्राटे मरकर सो रहा है ! और मैदानी अमला बेसुध हो भी क्यों ना ? विभागीय सूत्रों के मुताबिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी SDO सौंसर अपनी फैमली के साथ अक्सर नागपुर में विचरण करते रहते है , और यहाँ वन्य प्राणी ….

मामला दक्षिण वन मंडल क्षेत्र के सिल्लेवानी रेंज में ग्राम आमला जो की नागपुर हाइवे से लगा हुआ ग्राम है, यहाँ देर रात राहगीरों द्वारा बाघ को सड़क के किनारे देखा गया , जिसको देखने के बाद आने जाने वाले मुसाफिरों में सनसनी मच गई। कुछ समय तक वाहनों की कतार भी लग गयी थी।

क्षेत्र में जंगल से सटे अनेक ग्रामो में इनके द्वारा पालतू पशुओं का आसानी से शिकार वन्य प्राणी कर रहे है, वन विभाग इस बात को बड़े हल्के में ले रहा है , सौंसर वन परिक्षेत्र के SDO नागपुर में अपने परिवार के साथ दीपावली की खरीददारी में व्यस्त है और वनमंडलाधिकारी जिला मुख्यालय में अपने दफ्तर में वातानुकूलित कक्ष में कुर्सी तोड़ रहे है ! ना तो इन्हें फिल्ड से मतलब है और न जंगल में हो रही बेशकीमती इमारती लकड़ी की अबैध कटाई से कोई सरोकार ! ऐसे में वन और वन्य प्राणियों का भगवान् ही मालिक है ..

राहगीर रविंद करौंदे निवासी ब्राह्मण पिपला ने बताया कि वह रेमंड कम्पनी में ड्राइवर है और वह कल रात्रि में रेमंड फेक्ट्री के मैनेजर साह्ब को छिंदवाड़ा से वापिस लौट रहे थे , इस दौरान सिल्लेवानी घाटी ग्राम आमला में सड़क किनारे मुझे झाड़ियों में बाघ खड़ा हुआ नजर आया ,मेरे वाहन के पीछे खड़े वाहन भी अचानक खड़े हो गए । वाहनों की तेज रोशनी को देखकर बाघ फिर जंगल की और चल गया। इस दौरान बाघ की कुछ तस्वीरों को मोबाइल में ले लिया गया था।

जब इस मामले सिलेलेवानी रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी आर.के. श्रीवास से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है न ही मुझे किसी ने सूचना दी है ,फिर में टीम भेजकर मामले को दिखवाता हूँ। अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है विभाग अपने कार्यो को लेकर कितना जबाबदार नजर आता है ..

इस पूरे प्रकरण की जानकारी के लिए संवाददाता ने वनमंडलाधिकारी एल के वासनिक के मो. 9424 791600 नम्बर पर सम्पर्क साधने की अनेको कोशिशे की परन्तु साहब शायद चैन की नींद सो रहे होंगे ,उन्होंने फोन उठने की जहमत नही समझी ..