ड्रोन दीदियाँ करेंगी अपनी कला का प्रदर्शन ..

मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र की 102 ड्रोन दीदियाँ करेंगी अपनी कला का प्रदर्शन…प्रधानमंत्री  ड्रोन दीदियों से करेंगे संवाद..

कल सुबह मध्यप्रदेश की राजधानी में महिलाएं अपनी कला का प्रदर्शन कर सबको अचंभित कर देने वाली है ! उनकी इस कला को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देखेंगे ,उसके बाद इन होनहार महिलाओं से चर्चा भी करेंगे …..

कल अवसर है देश की 1092 ड्रोन प्रशिक्षित महिलाए एक साथ ड्रोन को आकाश की ऊंचाइयों में अपने कल्पनाओं व होंसलो को उड़ान देंगी , ये महिलाएं ड्रोन दीदी बन गयी हैँ।

मप्र और महाराष्ट्र की 102 ड्रोन दीदियाँ भोपाल में फ्लाई करेंगी. यह ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल है। यह आयोजन 11 मार्च को सुबह 10 बजे से 12 के बीच संपन्न होगा।

इस अनूठे कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की 89 , महाराष्ट्र 60 , आँध्र प्रदेश 108, गुजरात 58 , गोवा 01, हरियाणा 102 ,कर्नाटक 145 , पंजाब 57, हिमाचल प्रदेश 4 , उत्तराखंड 3 , राजस्थान 40 , तमिलनाडु 44 , केरल 51, तेलंगाना 81, उत्तर प्रदेश 128 , छत्तीशगढ़ 15 , बिहार 32 , झारखंड 15 ,ओडिशा 16 , असम 28 , वेस्ट बंगाल की 15 कुल 1092 ट्रेंड पायलट ड्रोन दीदी एक साथ ड्रोन फ्लाई करेंगी। इस आयोजन में सभी ट्रेंड पायलट ड्रोन दीदी मौजूद रहेंगी और प्रधानमंत्री से संवाद करेंगी।

जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री इस आयोजन में दिल्ली से वर्चुअल जुड़ेंगे। डीजीसीए – डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन गवर्मेंट ऑफ़ इंडिया से मान्यता प्राप्त आरपीटीओ -रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन द्वारा प्रशिक्षित ड्रोन दीदी अपने – अपने राज्यों से जुड़कर ड्रोन फ्लाई करेंगी। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पल्सेस रिसर्च सेंटर, फंदा जिला भोपाल में मौजूद रहकर मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की महिलायें एक साथ 102 ड्रोन उड़ाएंगी।

देश की विकास यात्रा में नारी-शक्ति के योगदान को नमन करने का अवसर है महिला दिवस. भारत की नारी-शक्ति हर क्षेत्र में प्रगति की नई ऊँचाइयों को छू रही है। महिलाओं का ड्रोन उड़ाना कल्पना मात्र थी. अब गाँव में रहने वाली महिलायें भी ड्रोन उड़ाएंगी. यह संभव हो रहा है, यह कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का।

केंद्र सरकार 2024 के बजट भाषण में लखपति दीदी लक्ष्य को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ करने की योजना बना रही है। ‘लखपति दीदी’ शब्द स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिला सदस्यों की उद्यमशीलता दर्शाता है. वे अपने कौशल का उपयोग कर प्रति वर्ष कम से कम 1 लाख रुपये की आय अर्जित करती हैं। इसका उद्देश्य आर्थिक स्वतंत्रता और महिला सशक्तिकरण है।