कन्या छात्रावास क़ी छात्राओ का हालत गंभीर..

आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए शासन की विभिन्न योजना अंतर्गत क्षेत्र में निवास करने वाले गरीब परिवारों के बच्चों के लिए शासन द्वारा छात्रावास उपलब्ध कराए जाते हैं, परंतु इन छात्रावासों के हालात किसी से छुपी नहीं है । यहां अव्यवस्थाओं का आलम है,  छात्रावास अधीक्षक अपनी मनमानी से छात्रावास का संचालन करते हैं , कुछ तो ऐसे हैं जो जिला मुख्यालय में रहते हुए छात्रावासों का संचालन करते हैं ….

चौरई क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों से अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों की छात्राएँ चौरई छात्रवास में निवास कर अपनी पढ़ाई करती है। लेकिन चौरई छात्रवास में पदस्थ अधीक्षक प्रीति दुबे छिंदवाड़ा में निवास कर हॉस्टल चला रही है।

अनुसूचित जाति की बच्चीयों को शिक्षा दिलाने सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर उन्हें रहने छात्रावास में खाने पीने से लेकर अन्य सुविधा मुहैया करा रही है लेकिन इन छात्रवासों में जिन अधीक्षकों को इनकी देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है वही इन छात्राओ को भगवान भरोसे छोड़कर अपने स्वार्थ सिद्धि में लगे हैं। जिसका बड़ा उदाहरण चौरई नगर के बार्ड नम्बर एक से लगे नवेगांव में स्थित अनुसूचित जाति के कन्या छात्रावास में देखने मिला जहाँ सोमवार शाम के खाने के बाद चार छत्राएँ फुड पॉयजनिंग की शिकार हो गई। जिन्हें गंभीर हालत में चौरई सामुदायिक केंद लाया गया। जहां बी एम ओ ने छात्राओ की गंभीर हालत देखते हुये छिंदवाड़ा जिला अस्पताल रिफर कर दिया जहाँ छात्राओं की हालत नाजुक बनी हुई है

जानकारों के मुताबिक जब बच्चियां जीवन बचाने की जद्दोजहद कर रही थी , उस समय हास्टल अधीक्षक छिंदवाड़ा में बैठकर फोन पर ही छात्राओ की जानकारी ले रही थी। यहाँ तक कि यहाँ पदस्थ रसोइया भी झिलमिली में निवास करती है। जब छात्रओं ने मोबाइल पर जानकारी ली तब रसोइया चौरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुची और पल–पल की जानकारी अधीक्षिका को दे रही थी , फिर भी लापरवाह हास्टल अधीक्षक ने वहां आने की जहमत नही उठाई

इनका कहना है :–

उक्त मामले की जानकारी मुझे है। छात्राओं की हालत में सुधार है लापरवाह अधीक्षक को कारण बताओं नोटिस जारी किया जा रहा है। कल छात्रवास की छात्राएँ हमारे यहाँ आई थी इलाज के दौरान मामला फूड पाइजनिंग का था गंभीर हालत के चलते जिला अस्पताल रेफर कर दिया

सत्येंद्र सिंह मरकाम,आयुक्त जनजाति कार्य विभाग