चप्पलबाजी की घटना के विरोध में कार्रवाई की मांग ..

कर्मचारी संयुक्त मोर्चे एव अजाक्स संघ सहित 13 संगठनों के पदाधिकारीयों ने उपस्थित होकर सत्येंद्र सिंह मरकाम सहायक आयुक्त जनजाति कार्य के साथ महिला हॉस्टल अधीक्षक द्वारा जो अभद्र व्यवहार किया गया उसकी सभी संगठनों ने घोर निंदा की एवं महिला के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट लगाकर तत्काल गिरफ्तारी करके सेवा से बर्खास्त करने सहित 9 बिंदुओं का ज्ञापन सौंपा ….

कलेक्टर छिंदवाड़ा के माध्यम से महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपा , जिसमे दोषी श्रीमति प्रमिला यादव (साहू) अधीक्षक अनुसूचित जाति सीनियर कन्या छात्रावास अमरवाडा के पास 02 छात्रावासों के प्रभार थे जिसमें से एक छात्रावास का प्रभार नवीन अधीक्षिका श्रीमति ज्योीति बडघरे को आदिवासी पोष्टा मेट्रिक कन्याा छात्रावास अमरवाडा का प्रभार सौपने हेतु निर्देशित किया जा रहा था । जिससे आक्रोशित होकर चार्ज देने से माना करते हुये। चप्प्ल उतार कर मारने का प्रयास करते हुये अभद्र व्यवहार एवं जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलोच किया गया, उस समय मंडल सयोजक श्रीमति रजनी अगामे उपस्थित थी।
अत: श्री सतेन्द्र सिंह मरकाम सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के साथ हुई अप्रिय घटित घटना के विरोध में समस्त शासकीय / सामाजिक संगठनों द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही चाहता है :-
* एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही करते हुये तत्कांल गिरफ्तार व पद से पृथक किया जावे, अनुसूचित जाति –जनजाति वर्ग के अधिकारियों / कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान की जाएं, अनुसूचित जाति –जनजाति वर्ग के अधिकारियों / कर्मचारियों के विरूद्ध झूठी शिकायत परशिकायतकर्ता के विरूद्ध एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाऍ , छिन्दवाडा जिले में जिस वर्ग के छात्रावास / आश्रम है उसी वर्ग के अधीक्षक /अधीक्षिका पदस्थ किये जाये ,छात्रावास / आश्रम में निवासरत छात्र / छात्राओं के अहितों में कार्य करने वाले अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबध्द किया जाऍ , अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के अधिकारियों / कर्मचारियों के किसी भी प्रकार की अनियमितता पाऍ जाने पर राज्य शासन के नियमानुसार पहली बार समझाईश देकर कार्यप्रणाली में सुधार हेतु लेख किया जावे, दूसरी बार उन्हें नोटिस देकर चेतावनी दी जावे एवं तीसरी बार अनियमितता पाऍ जाने पर इस पत्र के अनुसार उन्हें निंदा पत्र जारी कर उनकी कार्य प्रणाली में उत्तरदाई सुधार किया जावे न की कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावे ।