BJP पूर्व मंत्री पारस जैन सहित 8 अधिकारियों पर धोखाधड़ी का मामला ..

सत्ता में रहते हुए व्यक्ति किस तरह अपने पद का दुरूपयोग करता है इसका उदाहरण दो साल पहले लोकायुक्त उज्जैन को की गई एक शिकायत में जांच के बाद लोकायुक्त उज्जैन में पूर्व मंत्री पारस जैन और आठ अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। मामले में लोकायुक्त द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि पूर्व मंत्री पारस जैन ने विधायक निधि से कुल चार साल में लगभग 153 लाख रुपये की राशि से निजी जमीन पर दीवार का निर्माण करवा लिया….

इस विवादास्पद दीवार का निर्माण करवाने के दौरान शासकीय दस्तावेजों में यह बताया गया कि इस दीवार के निर्माण से सार्वजनिक रूप से लोगों को लाभ मिलेगा। लेकिन लोकायुक्त द्वारा की गई जांच में यह भी पता चला कि नाले पर सुरक्षा दीवार बनाने के नाम से भले ही दीवार को बनाया गया और लेकिन इस दीवार से जनता को कोई सार्वजनिक लाभ होता नजर नहीं आता है।

लोकायुक्त के निरीक्षक डॉ. बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि दिनेश चौहान निवासी देवास द्वारा लोकायुक्त भोपाल को उज्जैन उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक पारस जैन द्वारा लगभग दो साल पहले पांड्याखेड़ी गांव में स्थित सिलिंग की जमीन को पद का दुरुपयोग कर लगभग 15 बीघा जमीन अपनी पत्नी अंगूरबाला जैन के नाम से कॉटन मर्चेंट शैक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के नाम से लगभग 80 लाख रुपये में क्रय करने के साथ ही करीबन दो बीघा नाले से लगी हुई शासकीय भूमि पर भी अवैध कब्जा करने की शिकायत के साथ ही भूमि पर पूर्व मंत्री व विधायक पारस जैन द्वारा विधायक रहते हुए पद का दुरुपयोग कर शासकीय विधायक निधि से लगभग 81 लाख रुपये में नाले की तरफ से लेकर अपनी पूरी कृषि भूमि के चारों और बाउण्ड्री वाल बनवाने की शिकायत की गई थी, जिसमें बताया गया था कि पूर्व मंत्री पारस जैन ने शासकीय विधायक निधि की राशि लगभग 81 लाख रुपये अपने निजी कार्य में उपयोग कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई थी।