मिशन में कामयाब होते नजर आ रहे है कमलनाथ ..?

किसी सफल राजनेता होने के पीछे उसका दूरदर्शी होना होता है ! इस बात को चरितार्थ कर दिया है कमलनाथ ने ! तभी तो कमलनाथ बीते 40 बर्षों से अधिक समय से छिंदवाडा जिले की जनता के दिलों में राज कर रहे है ! इस बात में कोई शक-सुबह नही है की उन्होंने अपने कामो की बदौलत छिंदवाडा को राष्ट्रिय फलक पर पहचान दी है ! रही बात इस लोकसभा चुनाव में उनके बेटे नकुलनाथ छिंदवाडा से दूसरी बार चुनाव मैदान में है।इनका सीधा मुकाबला भाजपा के विवेक बंटी साहू से है .. ….राकेश प्रजापति 

छिंदवाडा लोकसभा सीट पर भाजपा विजय पाने हर संभव प्रयास कर रही है !  भाजपा ने मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए यहाँ पर दलबदल की नीति को अपनाते हुए बड़ी संख्या में कांग्रेस के स्थानीय राजनेताओं जिसमे वर्तमान और पूर्व विधायक से लेकर पार्षदों को अपने पक्ष में लेकर यह बताने का काम कर रही है की अब छिंदवाडा से कमलनाथ का तिलस्म दरकने लगा है और इसी का परिणाम है की कांग्रेस के हर छोटे-बड़े पदाधिकारी ,नेता-कार्यकर्ताओं के भाजपा में शामिल होने भगदड़ मच गई है !

क्या यह वास्तव में हो रहा है ,या किसी सोची समझी राजनैतिक चाल का हिस्सा है ? इस पर सबाल इसलिए उठते है कि जो लोग भाजपा में शामिल हो रहे है वे ठीक पहले नकुलनाथ की सभाओं में शाम को दिखाई देते है और सुबह भाजपा में शामिल हो जाते है जैसे अमरवाड़ा के अब पूर्व विधायक कुं कमलेश शाह और आज नगरपालिक निगम के महापौर विक्रम अहाके जो कल दोपहर में कमलनाथ के बंगले शिकारपुर में कमलनाथ से मिल कर निकले थे और आज सुबह भाजपा में शामिल हो गए ? इससे इस बात को और बल मिलता है कि कमलनाथ या कांग्रेस की तरफ से इस भगदड़ को रोकने के कोई प्रयास भी नही किए जा रहे है ,  न ही कोई बयान बाजी हो रही है !

मुद्दा विहीन है यह चुनाव :- लोकसभा निर्वाचन को अब कुछ ही दिन शेष बचे है ! जैसा की हर चुनावों में कोई न कोई मुद्दा केंद्र में होता है उसी के आसपास चुनाव की रणनीति राजनैतिक दल बुनते है और लोगों तक उनकी बातों को अपने माध्यम से निराकरण करने की कोशिशे ,  आश्वासन से समाधान निकलने का प्रयास किया जाता है ! परन्तु छिंदवाडा जिले में अभी तक कोई मुद्दा केंद्र में नही है,  न तो लोग यहाँ महंगाई , बेरोजगारी , धर्म और न ही सामाजिक तुस्टीकरन पर बात कर रहे है ! चर्चा है तो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस में मची भागादड की ….

चुनावी कैम्पेन में कांग्रेस आगे .. लोकसभा चुनावों पा नजर डाले तो भाजपा जहाँ कांग्रेस खेमे में सेंध लगाने में व्यस्त है वहीं , दूसरी तरफ ओर कमलनाथ और उनके पुत्र नकुलनाथ जिले भर में विभिन्न जगहों पर ताबड़तोड़ तरीके से सभाए ले कर जनता के बीच पहुँच रहे है और अपनी बात कर उनके मंतव्य को जानने का प्रयास कर रहे है ! नगर व ग्रामीण इलाकों में चुनावी प्रचार-प्रसार भी कांग्रेस का शुरू हो गया है ! भाजपा सिर्फ दल-बदल पर ही अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए है जमीनी स्तर पर चुनावी प्रचार-प्रसार में भाजपा कांग्रेस से अभी पीछे है ..

भाजपा ने बनाया माहौल :- जिस तरह से कांग्रेस में भगदड़ मची हुए है उससे आम मतदात संशय की स्थिति में आ गया है , लोग चौंक- चौराहों में इस बात की चर्चा करने लेगे है की आखिर कांग्रेस में यह क्या हो रहा है ! तरह-तरह की चर्चाए आम हो गई है ! जिससे मतदात भ्रम  की स्थिति में आ गया है ! अब लोग अपनी समस्याए भूल कर सिर्फ और सिर्फ चुनाव की चर्चा में मशगूल हो गए है ! 

सहानुभूति की लहर :-  कांग्रेस पार्टी में थोक में हो रहे पलायन ने कांग्रेस और  कमलनाथ के प्रति सहानुभूति की पैदा होती प्रतीत हो रही है!  लोग चर्चा करते हुए नजर आ रहे है कि जो लोग कांग्रेस में कमलनाथ के बेहद करीबी रहे या महत्वपूर्ण पदों में काबिज रहे है ,ये लोग अपने स्वार्थों के चलते संकट के इस समय में पार्टी छोड़ रहे है उन्हें ऐसा कुछ नही करना चाहिए था , ये पार्टी और कमलनाथ के प्रति गद्दारी है , क्योंकि इन स्वार्थी तत्वों की पहचान ही कमलनाथ और कांग्रेस की वजह से ही थी , इस तरह की चर्चा आम हो रही है ….

लोकसभा का यह चुनाव अब तक की परिस्थियों में भाजपा और जनता के बीच होता हुआ नजर आने लगा है ! क्या यह स्थिति पैदा करने के पीछे कांग्रेस और कमलनाथ को सोच तो नहीं थी , और यह भगदड़ इसी का परिणाम है ? अब देखने बाली बात यह होगी की सहानुभूति लहर और बलवती होती है या फिर भाजपा द्वारा कांग्रेस में किया गया दलबदल ! इससे किसको कितना फायदा पहुंचाता है यह तो आने बाल समय ही  बताएगा …. निरंतर