कांग्रेस का यूनिटी और 5G प्लान पर फोकस ..

प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस वापसी करने की तैयारी में कोई कोर कसर बाकी रखना नही चाहती है ! पार्टी इस महासंग्राम से पहले अपने समर्थकों को लामबन्द करने के प्रयास में है ! वहीं दूसरी ओर पार्टी जनता को दी गई गारंटी पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, ये लोगों से जुड़ने के लिए हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में उसके लिए एक वरदान साबित हुई थी ….राकेश प्रजापति 

कांग्रेस ने प्रियंका गाँधी के हस्ते बीते दिनों राज्य में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की, कांग्रेस पूरी तरह से प्रदेश में यूनिटी + फाइव जी प्लान पर फोकस किए हुए है। यू से यूनिटी होता है, इसका मतलब है कि सभी को एकजुट रखना है। साथ ही फाइव जी का मतलब पांच गारंटी है। इन्हीं दो रणनीति पर पार्टी आगे बढ़ रही है। प्रदेश के जबलपुर में संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की तर्ज पर पांच वादों की घोषणा की, जहां कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।

जानकार बताते है कि पार्टी द्वारा दी गई गारंटियों ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में संजीवनी का काम किया था, पार्टी ने सत्ता में आने के बाद वादों को पूरा करना भी शुरू कर दिया है , इससे मतदाताओं को स्पष्ट संदेश जाता है कि ये केवल वादे नहीं हैं, बल्कि इन्हें धरातल पर उतारा भी जा रहा है।

कांग्रेस पार्टी के राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य भी इसके सटीक उदाहरण है , जहां चुनाव के दौरान लोगों से किए गए वादों को पूरा किया गया । ‘इस तरह गारंटियों को पूरा करने का वादा पार्टी के लिए काम कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का मानना है की हमें उम्मीद है कि यह एक बार फिर मध्य प्रदेश में काम करेगा।

कांग्रेस के रणनीतिकारो का मानना है कि कमलनाथ, जो पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष हैं, जिलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, दिग्विजय सिंह विधानसभा स्तर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और वहां कार्यकर्ताओं को लामबंद कर रहे हैं। पार्टी नेता ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं के बीच की समझ से कांग्रेस को भाजपा के गढ़ वाले इलाकों सहित ग्रामीण इलाकों में जमीन हासिल करने में मदद मिल रही है।

राजनैतिक विश्लेशको का मानना है की मौजूदा समय में भाजपा , शिवराज भाजपा , महाराज भाजपा और नाराज भाजपा में विभाजित है और वहां उभर रही गुटबाजी भी कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव से पहले जमीन मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो रही है , भाजपा में मची भगदड़ इसका सबसे बड़ा सबूत है , भाजपा में गुटबाजी चरम पर है, जो बैजनाथ यादव सहित अनेक नेताओं के पलायन का कारण बन रही है, जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मार्च 2020 में कांग्रेस छोड़ दी थी। अब उनकी पुनः वापसी हो रही है ..

जानकारों के मुताबिक कांग्रेस में उम्मीदवार चयन पर काम करना शुरू कर दिया है। मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन के साथ-साथ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की छटनी चल रही है। पार्टी की स्क्रीनिंग प्रक्रिया से यह सुनिश्चित करने में मदद होती है कि उम्मीदवारों का चयन उनके विधानसभा क्षेत्रों में जीतने की क्षमता के आधार को तय करता है।

कांग्रेस के रणनीतिकार सुनील कानूनगोलू प्रदेश में पार्टी के चुनावी अभियान डिजाइन करने के साथ-साथ राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा को उलझाने वाले नारे गढ़ने में मशगूल है ।गौरतलब है कि कानूनगोलू ने कर्नाटक में कांग्रेस के प्रचार अभियान और पार्टी की गारंटी और भाजपा को निशाना बनाने के अभियानों के शिल्पकार रहे है ।