मौजूदा दौर में 54 करोड़ श्रमिक प्रभावित हुए : डी के प्रजापति

 हिंद मजदूर किसान पंचायत ने प्रख्यात समाजवादी मधु लिमए की जयंती एवं मई दिवस मनाया …  कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉक डाउन की स्थिति  में हिंद मजदूर किसान पंचायत मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा इकाई ने  1 मई 2020 को  शासन की गाइडलाइन  के अनुसार  सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए  विवेकानंद कॉलोनी में अपने साथियों के साथ उपस्थित रहकर  प्रख्यात समाजवादी  नेता  मधु लिमये की  जयंती के साथ मई दिवस मनाया ….!

1 मई 2020 को मई दिवस दुनिया भर में लॉक डाउन की स्थिति में मनाया जा रहा है जो कि विषम परिस्थिति है : आने वाला समय मजदूरों के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर में कार्यरत अरबों मजदूरों का रोजगार आर्थिक मंदी से प्रभावित होने वाला है,करोड़ों का बेरोजगार होना तय है। भारत में कार्पोरेटमुखी मोदी सरकार ने पहले ही 44 श्रम कानूनों को खात्मा कर उनको 4 श्रम कोड में बदल दिया है। जिससे 54 करोड़ श्रमिक प्रभावित हुए हैं।

सरकार मजदूरों से कानूनी तौर पर आठ घण्टे की जगह बारह घण्टे काम लेने  की तैयारी में है। कर्मचारियों को डी ए एवम टी ए  नही देने का फैसला हो चुका है। देश भर के कल्याण बोर्ड में जमा चालीस हजार करोड़ रुपये को सरकार हड़पना चाहती है।अचानक लॉक डाउन किये जाने के चलते गांव से शहरों में आये मजदूर भुखमरी की कगार पर हैं तथा लॉक डाउन से लगातार प्रताड़ित किये जा रहे हैं।लॉक डाउन के बाद से अब तक 200 मजदूर शहीद हो चुके है।इस परिस्थिति में जबकि केन्द्र सरकार  द्वारा सभी संसाधन श्रमिकों के कल्याण हेतू  झोंक देने चाहिए थे। सरकार ने 43 करोड़ श्रमिकों के खाते में प्रतिमाह पांच हजार रुपये जमा करने की मांग को अस्वीकार कर दी ,सभी श्रमिकों को  भोजन व्यवस्था दिए  जाने के बजाय सरकार  कार्पोरेट को लगातार छूट देने की नीति पर कार्य कर रही  है।

हाल ही में एक आर टी आई से खुलासा हुआ है कि पचास औद्योगिक घरानों का 68,000 करोड़ का  कर्जा, बट्टे खाते में डाल दिया गया है। केन्द्र सरकार लॉक डाउन के दौरान छात्र आंदोलन, सी ए ए -एन आर सी – एन पी आर विरोधी आंदोलन को कुचलने के लिए लगातार  लोकतंत्रवादियों और मानवाधिकारवादियों की गिरफ्तारी कर संवैधानिक मूल्यों पर लगातार कुठाराघात कर रही है। जो कि बहुत ही शर्मनाक है सरकार ने मजदूरों के साथ सौतेला व्यवहार अपनाया लॉक डाउन के कारण  दिहाड़ी मजदूरों का जीना हराम हो गया है परंतु केंद्र एवं प्रदेश की सरकारों को इन मजदूरों गरीबों मेहनत कशो और सर्वहारा वर्ग की जरा भी चिंता नहीं है  !

श्री प्रजापति ने बताया  कि मई दिवस के अवसर पर दुनिया भर के मजदूर पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ एकजूट होकर संघर्ष करने का संकल्प लेते हैं। हमें भी इस शोषणकारी व्यवस्था एवं अराजकता के खिलाफ एकजुट होना है इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम 6 सूत्री मांग का ज्ञापन ईमेल के माध्यम से भेजा गया  कार्यक्रम में श्रीमती सुषमा प्रजापति आजादी बचाओ आंदोलन श्रीमती शोभा शर्मा हिंद मजदूर किसान पंचायत श्रीमती पूजा प्रजापति दीपक दुबे  जन संघर्ष मोर्चा एमआर नायडू शिक्षक कांग्रेश राजेश तांत्रिक महाकौशल संपादक संघ संतोष विश्वकर्मा ऑल इंडिया रिपोर्टर एसोसिएशन (आईरा) एवं मोहम्मद इस्लाम श्रमजीवी पत्रकार संघ श्रीमती निशा यादव घरेलू कामगार संघ के साथी छात्र अनुष्का,  कृष्णनम, नमी,अनिकेत ,अभिलाषा एवं बच्चों ने भागीदारी सुनिश्चित की

इस अवसर पर हिंद मजदूर किसान पंचायत के संस्थापक महान समाजवादी नेता एवं ट्रेड यूनियन लीडर पूर्व केंद्रीय मंत्री साथी जारी फर्नांडिस को याद करते हुए हिंद मजदूर किसान पंचायत मध्य प्रदेश के महासचिव डीके प्रजापति ने अपने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि 134 वर्ष पहले अमेरिका के शिकागो शहर मे 1 मई 1886 को लाखों मजदूरों ने काम के घण्टे 8 घण्टे सीमित किये जाने को लेकर हड़ताल की थी।आन्दोलन पर 4 मई को हेमार्केट में पुलिस  गोलीचालन हुआ , जिसमें 4 मजदूर शहीद हुए ।  हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए 7 मजदूर नेताओं को मौत की सजा सुनाई गई। 11 नवंबर1887  में उन्हें फांसी हुई।

1889 में  पेरिस में  अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन  हुआ जिसमें दुनिया भर में मजदूर दिवस मनाने का फैसला किया। तब से आज तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मई दिवस मनाया जाता है।