जंगली हाथियों से खुनी संघर्ष , राणा प्रताप और शिवा गम्भीर रूप से घायल..

कान्हा टाइगर रिजर्व के पालतू हाथियों को जंगली हाथियों ने किया घायल , जंगली हाथियों का आतंक…. पूरी दुनिया में जहाँ मानव जाती पर कोरोना संक्रमण का संकट मंडरा रहा है बही दूसरी और मध्यप्रदेश में वन्य प्राणियों पर भी जान के खतरे के बादल मंडरा रहे है , जो की पर्यावरण विदो के लिए सोचने का बिषय है ! अगर सब इसी तरह चलता रहा तो पूरी मानव जाती के साथ साथ प्रक्रति के विनाश का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा ? पर्यावरण और वन्य प्राणियों के नष्ट होने की सीधी- सीधी वजह उन जिम्मेवार नौकरशाहों पर है जिनके ऊपर इन्हे बचाने की जिम्मेदारी है ? चन्द कागज के टुकडो के खातिर ये अपना इमान बेच रहे है ? इस धटना के पीछे का रहस्य भी यही है ..? 
           जानकार सूत्र बताते है की पूरा कान्हा प्रबंधन टाइगर सिफ्टिंग में व्यस्त रहा क्योंकि इसके लिए अफरात फंड आता है और टाइगर के सफलतम सिफ्टिंग हो जाने पर नौकरशाह मनमान खर्च बता कर सामूहिक लूट को अंजाम देते है और बाद में इस सामूहिक लूट का आपसी बटवारा बिना किसी विवाद के सभी में हो जाता है ? पार्क के हाथियों के घायल होने की वजह भी यही बताई जा रही है ? जानकार तो यहाँ तक बता रहे है की हाथियों के संघर्स की सूचना समय पर प्रबंधन को हो गई थी परन्तु किसी ने इस और ध्यान  नही दिया और तो  हद तब हो गई की पार्क के पालतू हाथियों को जंजीरों से भी मुक्त तक नही किया गया ! नही तो ये बेचारे मूक प्राणी अपनी जान इन जंगली हाथियो से बचा लेते ? जानकर बताते है की पिछले कुछ दिनों में १० से अधिक बाघों की मौत हो चुकी है ,ऐसे ही चलता रहा तो प्रदेश के टाइगर स्टेट होने का ताज निक्कमे नौकरशाहों की काली करतूते के चलते छीन न जाए ..?  मण्डला से सलिलराय के साथ राकेश प्रजापति ………
मध्यप्रदेश के मण्डला जिले के जग प्रसिद्ध वन प्राणी पार्क कान्हा टाइगर रिजर्व दुनियाभर में रॉयल बेंगाल टाइगर को देखने देशी विदेशी पर्यटकों की यहाँ आवाजाही लगी रहती हैं पर इन दिनों कान्हा पार्क में दो जंगली हाथियों की घुसपैठ होने के साथ कान्हा अभ्यारण के पालतू दो हाथियो को जंगली हाथियों ने गम्भीर रूप से घायल कर दिया हैं इस घटना की पुष्टि कान्हा प्रबन्धन ने की हैं।
कान्हा टाइगर रिजर्व के वनप्राणी चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप अग्रवाल ने बताया गया हैं कि कान्हा जॉन इलाके के जंगल मे कान्हा पार्क के दो पालतू हाथी जिनके नाम राणा प्रताप और शिवा हैं ! इन दोनो हाथियो को छत्तीसगढ़ की तरफ से कुछ महीने पहले मध्यप्रदेश की सीमा में घुसे दो जंगली हाथियो के बीच खुनी संघर्ष हो गया ! इस खुनी संघर्ष में जंगली हाथियों ने 
 कान्हा के राणा प्रताप हाथी को गम्भीर रूप से घायल कर दिया ! जंगली हाथियों ने अपने नुकीले हाथी दांत से पैर कन्धा और पूंछ में प्रहार कर घायल कर दिया ! यह घटना कान्हा जॉन में 3 मई की बताई गई हैं, वही कान्हा पार्क के पालतू हाथी शिवा को भी जंगली हाथियों ने घायल किया हैं।
जानकार सूत्र बताते है कि हाथी पकड़ने या इन्हें सुरक्षित इलाको में पहुचाने में यह दिक्कत कहि जा रही हैं कि वनप्राणी वन विभाग की मंजूरी की प्रतीक्षा की राह देखी जाती हैं ? वही यह भी खबर सूत्रों से मिली हैं कि कान्हा के पालतू हाथियो के पैरों में लोहे की जंजीरे बंधी रहने से ये पालतू हाथी अपनी सुरक्षा जंगली हाथियों से नही कर पाये।
कान्हा पार्क के चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल ने बताया कि घायल हाथियों को बेहोश कर उनकी सर्जरी की गई हैं। उधर कान्हा पार्क प्रबन्धन के अधिकारियों ने इस घटना को अभी उजागर नही किया पर घटना की पुष्टि की हैं ?
इधर कान्हा पार्क प्रबन्धन जंगली हाथियों को पकड़ने का दावा करता रहा हैं ? इन हाथियो को पकड़ने या कहे इन्हें प्रदेश से बाहर करने के लिए पिछले कुछ दिनों से कान्हा पार्क पेंच पार्क और मण्डला जिले वन मंडलो के अधिकारियों कर्मचारियों ने  जंगली हाथियों के उत्पात को रोकने कई प्रयास किये पर जंगली दो हाथियों ने इन्हें चकमा देते रहे और आज भी दे रहे है ! यही नही इन जंगली हाथियों ने हाल के बीते दिनों में मण्डला और सिवनी जिले के सीमांत जंगलो में जहां जनजीवन में भय बैठागया है ! वही सिवनी जिले के जंगल मे एक व्यक्ति जो महुआ बीनने रहा था उसे सूड़ से पटक पटक मार डाला था । जंगली हाथियों के उत्पातो से वे गांववासीयो में भय व्याप्त होता हैं जहाँ जंगली हाथियों की मौजूदगी रहती हैं।
कान्हा पार्क के वन कर्मियों और कान्हा टाइगर रिजर्व के आसपास के रहवशियो में जंगली हाथियों का भय व्याप्त हैं वे जंगली हाथियों से भयमुक्त रहना चाहते है।
एक अन्य खबर में कान्हा पार्क के घोरेला बाड़े से एक बाघ को वन विहार भोपाल भेजे जाने को लेकर पार्क प्रबन्धन अधिक निष्ठावान हैं ।इसके पीछे बाघ पुनर्वास के लिए तमाम सुविधा बड़े स्तर पर मुहैय्या कराई जाती हैं।