भ्रष्टाचार के इस हमाम में सब नंगे हैं ?

शिवराज सरकार में नौकरशाही इस कदर हावी है कि नौकरशाह चाहे वही काम हो सकता है वरना नहीं ? नौकरशाही के इस  बिगड़ैल रवैया के चलते जहां एक ओर आम जनमानस के काम वर्षों वर्षों तक लटके रहते हैं और जनता बिना किसी घानिधोरी के यहां वहां भटकने को मजबूर है या कर दी गई है ? काम की चाह में वह भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का निवाला बन व्यवस्था को पुष्ट करने का काम अनजाने या मजबूरी में करती चली आ रही है ! भाजपा शासन काल में नौकरशाहों के हौसले इस कदर बुलंद हो गए हैं कि प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, पूर्व विधायकों तक के कामो और पत्रों को कचरेदान में डालने का काम चल रहा है ! फिर भी माननीय खामोश क्यों है ? नौकरशाही या फिर प्रदेश के मुखिया की शाह पर यह सब खेला चल रहा है ? जियो और जीने दो की तर्ज पर भ्रष्टाचार की बैतरनी में पूरा शासन गोते लगा तो नही रहा ? यह यक्ष प्रश्न जन मानस को परेशान करने लगा है …….?

जनप्रतिनीधियो की आबाज सुनने बाला शिवराज सरकार में कोई नहीं है ! फिर  विपक्षी पार्टी के नेताओं की कौन सुनने वाला है ? भले ही आज प्रदेश में विपक्ष मजबूत स्थिति में है !  मगर नौकरशाहों के सामने नेतागिरी घुटनों के बल    रेंगती नजर आती है ? ऐसी ही बानगी हमें सप्रमाणिक देखने को मिली जिसे हम जनता से भी साझा करना चाहते है ! शिवराज के राज में जनप्रतिनिधियों की औकात कौड़ी भर की भी नहीं है ? यहाँ सिर्फ और सिर्फ  नौकरशाहों का बोलबाला है ? चंद चांदी के सिक्कों की खनक के सामने कोई भी भ्रष्टाचारी वर्षों तक उसी जगह पर बना रह सकता है जब तक वह खुद ना चाहे ? भ्रष्टाचार की भेंट के आगे नेताओ की फिर कौन सुनने बाला है ? शिवराज फिर जितना चिल्ला ले , उनके बड़बोलेपन का ही फायदा मौजूदा नौकरशाही उठा रही है !

ऐसा ही कुछ शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय सिरसाडोह छिंदवाड़ा में प्रभारी प्राचार्य आर के पांडे द्वारा वर्षों से महाविद्यालय में अनियमितताएं भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार जनमानस में समाचार पत्र ,पत्रिकाओं के माध्यम से आ रही हैं इससे एक ओर  जहां महाविद्यालय की साख पर बट्टा लगने का काम संस्था के ही लोग कर रहे हैं ! इस बात को संज्ञान में लेकर स्थानीय परासिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया ने इसकी शिकायत माननीय यशोधरा राजे सिंधिया मंत्री तकनीकी एवं कौशल विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन को की थी ! जिसमें उन्होंने महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य राकेश कुमार पांडे को अत्यंत ही भ्रष्ट / एवं कांग्रेसी मानसिकता का व्यक्ति निरूपित करते हुए उनके विरुद्ध जांच की प्रक्रिया पर पुनः जांच करने की मांग की थी !

साथ ही यह भी उल्लेख किया गया था कि भाजपा के पूर्व शासन काल में इन्हें प्राचार्य पद से हटाया गया था , किंतु जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस का शासन काल आया उन्होंने अवैध तरीके से पुनः प्रभारी प्राचार्य पद के लिए शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय छिंदवाड़ा में अपना आदेश करवा लिया ! इनकी कार्यप्रणाली से शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय स्टाफ असंतुष्ट एवं भयभीत रहता है !  साथ ही उन्होंने सूचना के अधिकार से प्राप्त भ्रष्टाचार के प्रमाणित दस्तावेज इस पत्र के साथ नास्ति कर सप्रमाणिक शिकायत भेजी ,बावजूद इसके उनकी शिकायत पर आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई , न हीं प्रभारी प्रचार पर लगाए गए गंभीर आरोपों कि किसी प्रकार से जांच ही की गई!  जिससे शासकीय महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य के हौसले बुलंदी पर हैं और वह अपनी विवादास्पद कार्यप्रणाली निर्बाध रूप से संचालित कर महाविद्यालय को विवादित एवं भ्रष्टाचार का अड्डा  बना चुके हैं ?

इसकी शिकायत जिला कलेक्टर को भी की गई परंतु जिला प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही ना करना इस बात का संकेत करता है कि भ्रष्टाचार के इस हमाम में सब नंगे हैं ?

ज्ञात हो की प्रभारी प्राचार्य आर के पाण्डे  पूर्व शिकायत  जाँच में दोषी पाए गए थे ,परन्तु  भ्रष्टाव्यवस्था के चलते बचते चले आ रहे है आज भी उनकी एक जाँच अनुविभागीय अधिकारी परासिया बाईट छै माह से कर रहे है ! सूत्रों का मानना है की  sdm के रहते प्रभारी प्राचार्य आर के पाण्डे  की जाँच पूरी हो पायेगी ?