डिजिटल हुई रिश्ववतखोरी , आबकारी उपनिरीक्षक निलंबित ..

डिजिटल हुई रिश्ववतखोरी ,फोन पे के जरिये आबकारी उपनिरीक्षक ने ली रिश्वत,कलेक्टर ने किया निलम्बित ….

21 वी सदी में आज अधिकांशतः पेमेंट डिजिटल तरीके से ही रहे है ! 10 रु से लेकर करोड़ों के ट्रांजेक्शन सब मोबाईल फोन के माध्याम से हो रहे है ! फिर भ्रष्टाचारी भी इस आधुनिक सुविधा का उपयोग करने में पीछे कैसे रहा सकते है ? जबकि ये भ्रष्टाचार को उजागर और साबित करने का प्रमाणित माध्याम है ! परन्तु कहते है न की विनाश काले विपरीत बुध्धी ऐसा ही कुछ उमरिया जिले के एक आबकारी उपनिरीक्षक के साथ घटा जिसकी उसे कतई उम्मीद नही थी की अबैध काम करने बाला अबैध रकम उगाही करने बाले को नंगा कर सकता है ..

ताजा मामला उमरिया जिले के आबकारी उपनिरीक्षक विजय सिंह का है ! जिसने शराब की अवैध कुचिया को निर्बाध चलाने बाले अशोक यादव निवासी धमोखर से हजार-डेढ़ हजार प्रतिमाह के एवज में अपने जमीर को बेच डाला ! अवैध कुचिया संचालक से सौदा तय लिया और सीधे फोन पे के माध्यम से पैसा लेना शुरू कर दिया ! और कभी भी कुचिया संचालक से मुफ्त में चखना आदि निछ्बर में सेवाए ले रहा था !इससे तंग आकर अशोक यादव ने इसकी शिकायत जिले के कलेक्टर से कर दी ! कलेक्टर ने भी इसे संज्ञान में लेकर जाँच करवाई ! जांच में मामले को सही पाया और उपनिरीक्षक को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए जारी कर दिए है !

जारी आदेश में कहा गया है कि विजय कुमार सिंह आबकारी उप निरीक्षक वृत्त मानपुर/नौरोजाबाद जिला उमरिया को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।  निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय जिला पंचायत उमरिया नियत किया गया है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

 

व्हाटसअप पर हुई  शिकायत

कलेक्टर के मोबाइल फोन में व्हाटसअप के माध्यम से शिकायत प्राप्त हुई है, कि धमोखर बैरियर के पास अवैध रूप से शराब बेचने वाले अशोक यादव से 1000/ व 1500/- रूपये प्रति माह विजय कुमार सिंह आबकारी उप निरीक्षक वृत्त मानपुर/नौरोजाबाद जिला उमरिया द्वारा अपने फोन नंबर 7869724922 में फोन पे के माध्यम से लिया जाता है आबकारी उपनिरीक्षक का उक्त कृत्य उनके पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही, कर्तव्य विमुखता, स्वेच्छाचारिता व अनुशासनहीनता है, जो म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है। जिस पर यह कार्यवाही की गई हैं।