दोगले , भीतरघाती और अपराधियों को पार्टी टिकट न देने की मांग ..

नगर निगम निर्वाचन की घोषणा होने के साथ ही राजनैतिक सरगर्मियां  तेज होते ही राजनीतिक दलों ने भी तैयारियां तेज कर दी है। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही तैयारियों में जुट गए हैं और वार्डों के आरक्षण को समझकर इसके लिए मंथन कर रहे हैं। दावेदार भी अपने लिए वार्ड तलाश रहे हैं। इधर कांग्रेस में बैठकों का दौर चल रहा है और इसमें मांग उठ रही है कि भीतरघात करने वाले और आपराधिक रिकॉर्ड वाले दावेदारों को टिकट नहीं दिया जाए।

गौरतलब है की वार्डों का आरक्षण होने के बाद नगर निगम चुनाव के चलते कांग्रेस की बैठको का दौर चल रहा है । पदाधिकारियों के बीच चुनाव की तैयारियों के साथ बूथ और वार्ड स्तर पर मैनेजमेंट को लेकर गहन विचार विमर्श चल रहा है । यह तय किया गया कि चुनाव के लिए पहले समन्वय समिति, घोषणा पत्र समिति, चुनाव संचालन समिति के साथ एक आईटी सेल भी बनाई जाए। हर वार्ड में चुनाव प्रभारी बनाया जाएगा जो किसी दूसरे वार्ड का होगा। युवाओं की एक समिति भी सभी  वार्डों में होगी। साथ ही वकीलों के समूह की एक लीगल कमेटी भी बनाई जाएगी।

बैठक में सदस्यों ने कहा कि टिकट के लिए दावेदारी जताने वाले हर उम्मीदवार से बायोडाटा के साथ ही अनिवार्य रूप से जाति प्रमाण पत्र लिया जाए। घोषणा पत्र समिति गठित होगी जिसमें निवर्तमान पार्षद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक को शामिल किया जाए। जो जिले की तासीर को अच्छी तरह से जानते हैं उन्हें भी समिति में लिया जाए। समन्वय समिति भी बनाई जाएगी जिसमें पार्टी के वरिष्ठ लोगों को शामिल किया जाएगा जो आपस में समन्वय स्थापित करेंगे।