जनपद सीईओ चार लाख की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार ..

जिले में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है। आए दिन रिश्वतखोर पण्डे लोकायुक्त की गिरफ्त में आ रहे हैं। लोगो और जन प्रतिनिधियो का मानना है की जिले के वरिष्ठ अधिकारी जिले में हो रहे विकासकार्यो और जन समस्याओ को देखने के लिए कभी कभार मैदान में पहुंचते है ! आये दिन मीटिंग और मीटिंग के नाम पर लोगों के काम बाधित तो होते ही है, साथ ही इससे जिले में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी दोनों कुकरमुत्ते की तरह पनप रहे है ! ताजा मामला कूकरपानी पंचायत से जुडा है जिसमे लोकायुक्त ने कार्यवाही की है ….

बीते 2 महीनो में जिले से जितने भ्रष्टाचारी जिले में पकडाए है उतने प्रदेश के किसी अन्य जिले में लोकायुक्त की कार्यवाही नही हुई होगी !

आज दोपहर जुन्रारदेव जनपद सीईओ सुरेंद्र साहू के ड्रायवर को लोकायुक्त ने चार लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त जबलपुर ने यह कार्रवाई की है।

ज्ञात ही कि प्रार्थी रोहन यदुवंशी के द्वारा लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में शिकायत की थी कि उसके पिता ग्राम पंचायत कूकरपानी में सचिव के पद पर पदस्थ हैं और निशक्त हैं। इस वजह से पिता के सरकारी कार्यों में वह हाथ बटाता है।

ग्राम पंचायत में निस्तरी तालाब, दो पुलिया, मेडबंधान एवं हितग्राही के खेतों में भूमि सुधार की तकनीकी स्वीकृति प्रदान करवाने के संबंध में जब वह मुख्य कार्यपालन अधिकारी कार्यालय जनपद पंचायत जुन्नारदेव से मिला तो उनके द्वारा उक्त कार्य स्वीकृत कराने के बदले  में 4,25000 रिश्वत की मांग की ।

शिकायत के बाद आज लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी को रंग लगे रूपये  देकर भेजा। जैसे ही फरियादी रोहन यदुवंशी सीईओ को रिश्वत की राशि देने पहुंचा तो आरोपी जुन्रारदेव जनपद सीईओ सुरेंद्र साहू ने ड्राइवर मिथुन पवार को रुपए देने के लिए कहा, जैसे ही रोहन ने मिथुन पवार को रिश्वत की राशि दी उसी समय लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।

लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्रकरण में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कुमार साहू मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जुन्नारदेव और सह आरोपी मिथुन पवार को बनाया गया। कार्रवाई टीम में उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झारबडे, निरीक्षक स्वप्निल दास, निरीक्षक भूपेंद्र कुमार दीवान और अन्य सदस्य शामिल थे।