घोड़ी में बैठने की जगह , दुल्हे को थाने में बैठाया प्रेमिका ने ..

प्रदेश में 33 फीसदी आवादी बाले सीधे-साधे आदिवासी अंचलों में निवासरत इन भूमिपुत्रों और उनकी संतति आज भी छल कपट ,धोखे और मक्कारी से बेखबर अपनी जिन्दगी में खुश है ! परन्तु चालबाज अपनी बेजा हरकतों से इन्हें बेवकूफ बनाने में कोई कोर-कसर नही छोड़ रहे है ! ऐसा ही एक वाक्या छिंदवाड़ा जिले में एक आदिवासी युवती अपने हाथों में मेहंदी लगाए दुल्हन का जोड़ा पहनकर दूल्हे के इंतजार में बैठी रही थी. लेकिन बारात दरवाजे पर नहीं आई. जब इसका पता लगाया गया, तब मालूम हुआ कि धोकेबाज पुलिसवाला है. उसका एक महिला आरक्षक  के साथ प्रेम प्रसंग परबन चढ़ रहा है . जब महिला आरक्षक को अपने धोखेबाज प्रेमीआरक्षक की शादी की जानकारी लगी, तो उसने थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई …

दरअसल दूल्हा पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर बैतूल में पदस्थ है. उसका साथी महिला आरक्षक के साथ संबंध था. इस बात को छुपाकर वह छिंदवाडा जिले के ग्राम काराबोह में दूसरी लड़की से शादी करने जा रहा था. इसी बीच शादी की भनक उस महिला आरक्षक को लग गई, तो उसने बैतूल थाने में दूल्हे के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. पुलिस ने भी मामले में शिकायत दर्ज कर लिया है.

 

 

इसके बाद बैतूल पुलिस ने छिंदवाड़ा पुलिस से संपर्क कर दूल्हे को थाने में बैठा लिया. इसी वजह से बारात दुल्हन के दरवाजे नहीं आ सकी. यहां बारात के इंतजार में दुल्हन और उसके परिजन रात भर इंतजार करते रहे. जब बारात नहीं आई, तो उन्होंने इसकी शिकायत आकर यहां देहात थाने में दर्ज कराई. परिजनों का कहना है कि जब पुलिस आरक्षक ही इस तरह का धोखा दे सकता है, तो फिर आखिर किस पर भरोसा किया जा सकता है.