आदिवासी अंचल से अंग्रेजी में पी.एच.डी ..

अगर व्यक्ति द्वारा अथाह आत्मविश्वास, साहस और वैचारिक पारदर्शिता से जीवन में उद्देश्य पर कर्मसिद्धि की साधना की जाती है तो कुछ भी लक्ष्य प्राप्ति में कुछ भी असंभव नहीं होता है।अगर संकल्प, लगन और मेहनत लक्ष्य केंद्रित हो तो व्यक्ति पर्वत को हिला देता है। इन्हीं प्रेरक विचारों से प्रेरित होकर सच कर दिखाया है छिंदवाड़ा जिले की आदिवासी जनसंख्या बहुल तहसील तामिया के ग्राम बिजोरी पठार के पवन कुमार महलवंशी ने अंग्रेजी साहित्य में पीएचडी की डिग्री हासिल की ….

महारानी लक्ष्मीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिंदवाड़ा में पदस्थ अंग्रेजी के शिक्षक पवन कुमार महलवंशी को वर्कतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा उनके अंग्रेजी साहित्य के में शोध पर पी.एच.डी. की उपाधि से विभूषित किया है। आपने अपने शोध को शासकीय हमीदिया कला और वाणिज्य महाविद्यालय भोपाल के अंग्रेजी के प्राध्यापक डॉ. ए.के. पालीवाल के निर्देशन में तैयार किया है। आपके शोध का विषय था “ऑस्ट्रेलियन अंग्रेजी साहित्य में नोबल पुरस्कार विजेता पैट्रिक व्हाइट और भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता अमिताभ घोष के उपन्यासों का तुलनात्मक अध्ययन”।

आपने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने स्वर्गीय पिता डॉ. गुलाबचंद महलवंशी व माताश्री श्रीमती जानकी महलवंशी को दिया है। स्थानीय स्तर पर पवन को शोध मार्गदर्शन का कार्य प्रो.अमर सिंह ने किया है। ज्ञातव्य हो कि पवन छिंदवाड़ा जिले की आदिवासी जनसंख्या बहुल तामिया तहसील के ग्राम बिजोरी पठार के मूलतः निवासी हैं।