48 घंटे में ही भाजपा से नपा अध्यक्ष का मोहभंग..

मध्य प्रदेश में इन दिनों दल बदल का खेल बड़े जोर से चल रहा है ! लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में भगदड़ मची है। सीधी नगर पालिका की अध्यक्ष काजल वर्मा भी दो दिन पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। और मात्र 48 घंटे बाद ही उनका मन भाजपा से भर गया और वे कांग्रेस में फिर लौट आईं….

प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान दल बदल का खेल जारी है। सियासी नफा नुकसान को देखते हुए लोग पाला बदल रहे हैं। कांग्रेस वाले भाजपा में तो भाजपा वाले कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। इसी कड़ी में छह अप्रैल को सीधी नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष काजल वर्मा भाजपा  में शामिल हुई थीं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। 48 घंटे बाद ही उनका मन बदल गया और वापस कांग्रेस में लौट आई हैं। आइए जानते हैं कि उनका मन क्यों बदला ..

ज्ञात हो कि छह अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रैली थी। रैली के दौरान उन्होंने काजल वर्मा को भाजपा की सदस्यता दिलाई थी। काजल अपने समर्थकों के साथ जोश में भाजपा में आई थीं। भाजपा में शामिल होने की खबर उन्होंने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की थी। काजल वर्मा ने भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस पर जमकर हमला किया था।

48 घंटे बाद ही इस मामले ट्विस्ट आ गया। आठ अप्रैल को अचानक अपने ससुर और कांग्रेस नेता विनोद वर्मा के साथ वह कांग्रेस ऑफिस पहुंचीं। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अचानक से भारतीय जनता पार्टी में कैसे शामिल हो गई, मुझे खुद ही पता नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के पार्षदों से अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी और कांग्रेस पार्टी में हमेशा रहूंगी।

नगर पालिका अध्यक्ष काजल वर्मा के ससुर विनोद वर्मा कांग्रेस के वरिष्ठा नेता हैं। उन्हीं की वजह से काजल वर्मा को सीधी नगर पालिका का अध्यक्ष बनाया गया था। छह अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भाजपा प्रत्याशी राजेश मिश्रा के लिए चुनाव प्रचार करने आए थे। इस कार्यक्रम में अचानक पहुंचकर काजल वर्मा ने भाजपा की सदस्यता ली थी।

जानकारों के मुताबिक सीधी नगर पालिका परिषद में कांग्रेस पार्षदों की संख्या अधिक है, इसी वजह से काजल वर्मा अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं लेकिन काजल वर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद प्रेसिडेंट काउंसिल के पद से सभी कांग्रेसी परिषदों ने इस्तीफा सौंप दिया था। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी। सभी लोग अविश्वास प्रस्ताव लाकर काजल वर्मा को नगर पालिका अध्यक्ष पद से हटाने के लिए लामबंद हो गए थे। चर्चा है कि इसी वजह से उन्होंने घर वापसी की है।

दूसरी वजह यह रही है कि काजल वर्मा के ससुर डॉक्टर विनोद वर्मा भी बहू के कदम से नाराज थे। उन्होंने भाजपा में शामिल होने पर नाराजगी जताई थी। पारिवारिक और राजनीतिक भविष्य को देखते हुए काजल वर्मा ने वापस आने का फैसला किया। काजल वर्मा के इस कदम से सीधी के सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया है। मतदाताओं में तरह तरह की चर्चा है ..