मंत्री के बंगले पर धरना, बच्चों को लेकर एएनएम भोपाल पहुंची ..

प्रदेश में आज समाज का हर वर्ग परेशान है ! बढती महंगाई में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है !फिर इसमें आम जनता हो या संविदा  अस्थाई कर्मचारी ही क्यों न हो ! सरकार समय-समय पर बादे तो कर देती है परन्तु जब उन्हें निभाने का वक्त आता है तो उन सब बातों से अपना पल्ला झाड लेती है , प्रदेश के मंत्री मुहं छिपाए गायब हो जाते है ! आक्रोशित महिला कर्मचारी आपने मासूम बच्चों के साथ चिल-चिलाती धूप में अपने जीवन और मासूमों के भविष्य के लिए भूखे पेट बैठी है …राकेश प्रजापति

प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के बंगले पर धरने पर बैठ गए। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बच्चों को लेकर एएनएम भोपाल पहुंची है।   इस दौरान मंत्री बंगले पर नहीं हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी संविलियन की मांग और ग्रुप-पांच के तहत होने वाली एएनएम भर्तियों में उपेक्षा और वादा खिलाफी का आरोप लगाया….

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह भदौरिया ने कहा कि नवरात्री के पर्व पर हमारी बहनों को भोपाल आना पड़ा। स्वास्थ्य मंत्री ने हमारी हड़ताल के दौरान आश्वासन दिया था कि बहनों का समायोजन करेंगे, लेकिन 10 से 15 साल से एएनएम के पद पर काम कर रही। उलटा सरकार द्वारा 2600 पदों की भर्ती निकाल दी गई है। जिसमें 20 प्रतिशत का कोटा लागू किया गया है। लेकिन नियम ऐसे डाल दिए गए है कि लंबे समय से संविदा पर काम कर रही बहने अपात्र हो गए है।

जितेंद्र भदौरिया ने कहा कि पहले डिप्लोमा 18 महीने का होता था, लेकिन अब दो साल का माना जा रहा है। 12वीं कक्षा बायोलॉजी से मांगी गई है। भर्ती में सरकारी कॉलेज का डिप्लोमा मांगा जा रहा है। इससे निजी कॉलेज से डिप्लोमा करने वाली बहने भर्ती में भाग नहीं ले पाएगी। इस तरह नियम बदलने से हमारे संविधा कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है। हमारा मंत्री से आग्रह है कि हम संविधा कर्मचारियों का समायोजन किया जाए। एनएचएम में 7 हजार एएनएम है। स्वास्थ्य विभाग में आम जनता तक सरकारी सेवाओं का पहुंचाने का काम एएनएम करती है ! ऐसे में सरकार को सकारात्मक कदम उठाने ही होंगे ,क्योंकि उनके भविष्य का सबाल है ..