फिर दो हजार करोड़ का कर्ज ले रही सरकार..

पहले से ही कर्ज में डूबी प्रदेश सरकार पर पुनः आर्थिक संकट घराने लगा है । हालात ऐसे बन गए है की सरकार के पास कर्मचारियों अधिकारियों को वेतन देने के लाले पड़ रहे है । वैसे भी प्रदेश में चल रहे अधोसंरचना विकास के कार्यों पर ग्रहण के काले बादल बीते चार माह से अपने आगोश में समाए हुए है ….

ठेकेदारों के पेमेंट नही होने से काम ठप पड़े हुए है । कई विभागों में कर्मचारियों को वेतन भी हो रहा है । इन हालातो से निपटने के लिए प्रदेश सरकार एक बार फिर कर्ज लेने को मजबूर हो गई है । गले तक कर्ज में डूबी वर्तमान सरकार का यह शायद आखरी बार कर्ज साबित होगा…

मध्यप्रदेश सरकार के पास एक बार फिर पैसों की किल्लत हो गई है। ऐसे में सरकार एक बार और कर्ज लेने जा रही है। 3 दिसंबर को आने वाले विधानसभा चुनाव परिणाम से पहले ही यह कर्ज लिया जाएगा। सरकार दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। आपको बता दें, इसके पहले ही प्रदेश सरकार पर 3 लाख 31 हजार करोड़ का कर्ज है। 29 नवंबर को यह नया कर्ज लिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक 14 साल के लिए यह कर्ज लिया जाएगा। इसे 29 नवंबर 2037 तक चुकाया जाएगा। सरकार ने देश की सभी वित्तीय संस्थानों से 28 नवंबर तक प्रस्ताव बुलाए हैं। इसके बाद जो संस्था सबसे कम ब्याज और सरकार की शर्तो के अनुसार कर्ज देगी उससे ही कर्ज लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश चल रही योजनाएं और विकास कार्यों के लिए ये पैसा लिया जा रहा है।

रिजर्व बैंक के मुंबई ऑफिस में ऑनलाइन ई कुबेर कोर बैंकिंग सॉल्यूशन सिस्टम के माध्यम से ये नया कर्ज लिया जाएगा। इसमें प्रस्ताव भेजने के लिए एक घंटे का समय तय किया है। सुबह साढ़े दस बजे से साढ़े 11 बजे बीच में वित्तीय संस्थानो से यह प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। इसके बाद नेक्स्ट डे रिजर्व बैंक यह प्रस्ताव ओपन करेगी। बेस्ट ऑफर को स्वीकार कर उससे कर्ज लिया जाएगा।

राज्य सरकार पर पहले से ही 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 20 लाख 817 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया गया है जबकि पावर बॉन्ड और अन्य बांड के माध्यम से 6 हजार 624 करोड़ का कर्ज सरकार ने लिया है। 14 हजार 620 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से लिया है। केंद्र सरकार से एडवांस के तौर पर 52 हजार 617 करोड़ मिला है। केंद्र सरकार से ही अल्प बचत योजना में 38 हजार 498 करोड़ कर्ज मिला है। बाकी 18 हजार 472 का करोड़ भी अन्य देनदारियो के मुताबिक लिया गया है।