स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जगमोहन के नाम पर जाना जाएगा चौक 

कलेक्ट्रेट जिला उद्योग एवं जिला न्यायालय प्रियदर्शनी पार्क के मध्य वाला चौक अब जगमोहन चौक के नाम से जाना जाएगा जिसे आम बोलचाल की भाषा में पहले कोर्ट वाला चौक कहा जाता था । स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उपलक्ष में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू जगमोहन लाल श्रीवास्तव जी की स्वतंत्रता आंदोलनों में स्मरणीय भूमिका एवं उनकी गरिमा को समुचित सम्मान प्रदान करते हुए शासन की एक अनूठी एवं प्रशंसनीय पहल है….

उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता के 25 वर्ष के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में स्मरणीय योगदान के लिए राष्ट्र की ओर से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा बाबू जगमोहन लाल श्रीवास्तव जी को ताम्रपत्र भेंट किया गया था
बाबू जगमोहन लाल जी 1916 से 1946 तक लगातार 30 वर्षों तक स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों से जूझते हुए कई बार जेल गए. महाकौशल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की हैसियत से 1930 में बड़ा फव्वारा जबलपुर में लाठीचार्ज में लहूलुहान एवं बुरी तरह से घायल होकर विक्टोरिया अस्पताल जबलपुर में मरणासन्न अवस्था में 72 घंटे बेहोश पड़े रहे.

1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में नागपुर में लोहे के पुल के पास साइकल पर जुलूस का नेतृत्व करते हुए पैर में गोली लगने से बुरी तरह लहूलुहान होते हुए भी तिरंगा हाथ में लिए हुए आगे बढ़ते गए ।
जगमोहन चौक का नामकरण होने पर परिवार की ओर से प्रफुल्ल श्रीवास्तव जी पौत्र आशुतोष, मनीष ने कलेक्टर श्री सौरभ कुमार सुमन एवं नगर निगम आयुक्त श्री हिमांशु सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया .