क्या भूत,प्रेत ,चुड़ैल,चांडाल या जिन्न वोट देने आयेंगे ..

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाए वेंटिलेटर पर है हम किसी एक जिले की बात नही कर रहे बल्कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से लचर स्वास्थ्य सेवाओं की लाचारी और नौकरशाहों की हठधर्मिता के चलते लाचार मजबूर और जरुतामंदों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नही मिल पा रहा है ! जिसकी करुणामय दासतान हम लगभग रोजाना ही अपने सुधि पाठकों के सामने परोस रहे है ! इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है की प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा वेंटिलेटर पर है और इसमे सुधार की नितांत आवश्कता है ! प्रदेश की जनता जिसे मुख्यमंत्री अपना भगवान् मानते है ,वह असमय ही स्वर्गवासी होते जा रहे है !

मुख्यमंत्री जी ज़रा सी भी अपने भगवन के लिए संवेदनाए बची है तो कोरी घोषणाए करने की अपेक्षा ज़रा इस और भी ध्यान दे ! वर्ना प्रदेश से आपके भगवान् स्वर्गवासी हो जायेंगे और यह प्रदेश शमशान में तब्दील हो जाएगा  ! फिर आपको जीतने के लिए क्या भूत ,प्रेत ,चुड़ैल  ,चांडाल या जिन्न वोट देने आयेंगे….राकेश प्रजापति 

छिंदवाड़ा जिले में एंबुलेंस न मिलने से एक युवक की मौत होने का मामला सामने आया है। पेट में दर्द के कारण युवक पूरी रात तड़पता रहा और उसके परिजन 108 संजीवनी सेवा को फोन करते रहे, लेकिन अंत में युवक को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

सरकार की ओर से मरीजों को तत्काल अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करते हुए 108 संजीवनी सेवा प्रारंभ की गई है। लेकिन यह सेवा सिर्फ कागजों में संचालित हो रही है। फोन करने के बाद भी समय पर एंबुलेंस मरीजों तक नहीं पहुंच रही है, जिसके कारण कुछ मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है।

ज्ञात हो कि ताजा मामला छिंदवाड़ा जिले के तहसील उमरेठ से सामने आया है, जहां कल शनिवार रात पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद मरीज रात भर अपने घर में दर्द के मारे तड़पता रहा, लेकिन पांच बार फोन करने के बावजूद 108 संजीवनी उसे लाने के लिए मौके पर नहीं पहुंची। आखिरकार मरीज ने दम तोड़ दिया।

मामला उमरेठ के समीपस्थ ग्राम कचराम में सामने आया कि गांव के कोटवार चैतराम चौहान का छोटा अविवाहित पुत्र नितेश चौहान (26) को अचानक बुखार आ गया और पेट में दर्द के साथ उल्टियां होने लगीं, जिसके बाद तत्काल परिजनों ने उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उमरेठ लेकर आए। जहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था, ऐसे में उन्होंने परासिया स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए संजीवनी 108 से कॉल किया। लेकिन कॉल करने के बावजूद समय पर संजीवनी 108 वाहन भी नहीं पहुंच पाया। ऐसे में रात भर परिवार इंतजार करता रहा, वहीं समय पर उपचार न मिलने के अभाव में युवक की सांसें उखड़ गईं और उसने दम तोड़ दिया।

परिजनों की मानें तो मृतक युवक को परासिया स्वास्थ्य केंद्र लाने के लिए रात भर कोई वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई। एंबुलेंस को कई बार फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस संचालक ने कॉल रिसीव नहीं किया। ऐसे में सुबह जब वाहन की व्यवस्था हुई, तब तक काफी देर हो चुकी थी।

गोरतलब है कि तकरीबन 40 गांव का केंद्र समझे जाने वाले उमरेठ स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ सुविधाओं का अभाव है। यहां नाम मात्र के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया गया है, लेकिन आकस्मिक चिकित्सा के नाम पर यहां सिर्फ मनमानी की जाती है। और इसके चलते लोग भगवन को प्यारे  हो रहे है ….