कृषि कानून वापसी का फैसला देश हित में :त्रिवेंद्र सिंह रावत

कृषि कानून वापसी की घोषणा के बाद से ही केन्द्रीय सत्ता और विपक्ष के शीर्ष नेताओं के लगातार बयान सामने आ रहे है ! इसी तारतम्य में देहरादून में उत्तरांचल के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि कानून वापसी का फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश हित में लिया है। कृषि कानून वापसी की मांग को लेकर दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठे किसान ही है।रावत ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि कानून वापस करने का फैंसला सोच समझकर लिया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में साफ कहा है कि कृषि कानून हम किसानों के हित में लाए थे, आज राष्ट्र हित में वापिस ले रहे है। इस पर गहराई में जाने की आवश्यकता है….

धरने पर बैठे किसानों को खालिस्तानी आदि कहे जाने के सवाल पर कहा ‘‘ यह कहना गलत है वे किसान है। हम उन्हे किसान ही कहते आ रहे है। भाजपा ने किसानों की भावनाओ का सम्मान किया है।प्रधानमंत्री ने अधिकांश फैंसले किसान हित में लिए है। बिजली, खाद, पानी, एमएसपी हो तमाम तरह की मॉडल टैकनोलाजी का समावेश किया।

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने के सवाल पर कहा कि कई बार बदलाव अच्छे के लिए होते है। बुरा कुछ नहीं था, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के नेतृत्व में ही उत्तराखंड का चुनाव लड़ा जायेगा। परिणाम भी बेहतर आयेगे। पहले 57 विधायक आए थे अब की बार 60 का लक्ष्य रखा गया है।उन्होने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस आपस में लड़ रही है और भाजपा अपना काम कर रही है। भाजपा कार्यकर्ता चुनाव तैयारियों में जुटा है।

इस मौके पर सतेंद्र पंवार, पूर्व विधायक साहब सिंह, सर्वदमन त्यागी, विनोद कुमार जैन एडवोकेट, उपेंद्र पंवार, रविन्द्र राठी, कृष्ण कुमार राणा आदि अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।                                                                                                         साभार :चाणक्य मंत्र