मंत्री ने माना, कन्यादान योजना में बांटी जा रही है घटिया सामग्री ..

विधानसभा में आज सोमवार को जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह ने स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में वर वधू कोे घटिया क्वालिटी की सामग्री दी जा रही है जिसकी जानकारी देने पर उनके द्वारा सामग्री वितरण रोका गया था। मंत्री ने यह बात विधायक द्वारा अपने क्षेत्र में बांटी जा रही सामग्री के खराब और गुणवत्ताविहीन होने का सवाल किए जाने के दौरान सवाल जवाब के बीच कही। इस दौरान विभाग के मंत्री प्रेम सिंह पटेल सवाल का सटीक जवाब नहीं दे पा रहे थे….

दस दिन के अवकाश के बाद सवा सात मिनट की देरी से विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नोत्तर काल के साथ शुरू हुई तो विधायक विजय लक्ष्मी साधो ने मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना में वर वधू को घटिया सामग्री बांटने का मामला उठाया। साथ ही कहा कि सामूहिक विवाह में दिया गया आधा अधूरा सामान दिया गया। इन सामग्रियों की क्वालिटी भी खराब थी। टीवी के डिब्बे में कम्पनी का नाम कुछ और था और टीवी किसी और कम्पनी की थी। साथ ही जो बर्तन दिए गए उनकी क्वालिटी ठीक नहीं थी। इसके लिए वे धरने पर भी बैठी थी और कम्प्लेन की थी। वर वधू की ओर से भी शिकायत की गई थी। इसलिए वे जानना चाहती हैं कि विभाग ने जो जांच समिति बनाई उसमें किन किन लोगों को रखा गया था। इस पर सामाजिक न्याय राज्य मंत्री प्रेम सिंह पटेल काफी देर तक जवाब नहीं दे पाए तो विधायक साधो ने कहा जब सामान खरीदने वाले ही जांचकर्ता हैं तो जांच की रिपोर्ट क्या आएगी ? ये स्पष्ट है और ऐसे में सवाल तो विलोपित होना ही था।

इस पर मंत्री भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी उनका साथ दिया तो विधायक साधो ने कहा कि जब इतने सारे लोग जवाब देंगे तो कैसे सच सामने आएगा? इस बीच विधायक तरुण भनोत ने कहा कि मंत्री मीना सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है कि घटिया सामान दिया जा रहा है। यह सुनते ही मंत्री मीना सिंह ने कहा कि जहां सामान खराब था, वहां हमने देख लिया तो बंटने नहीं दिया। इस पर विधायक साधो ने कहा कि अब तो मंत्री ने ही स्वीकार का कर लिया है कि सामान खराब था। साधो ने कहा जांच में जिन लोगों के सिग्नेचर हैं वह एक ही कलम से एक ही व्यक्ति के हैं। वे अपनी शिकायत की जांच से संतुष्ट नहीं हैं।

इस पर मंत्री नरोत्तम ने कहा कि हम फिर से जांच कराएंगे तो विधायक साधो ने कहा कि जांच समिति में विधायक को भी शामिल करें। इस पर विधायक सज्जन वर्मा ने कहा कि अध्यक्ष गिरीश गौतम से मुखातिब होकर आसंदी ने संरक्षण और न्याय मिलता ही नहीं है। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि हर जांच में विधायक को शामिल नहीं किया जा सकता लेकिन वे संसदीय कार्य मंत्री से आग्रह करते हैं कि विधायक को भी जांच में शामिल कर लिया जाए। इसके बाद विधायक झूमा सोलंकी ने वनाधिकार पट्टा वितरण में करप्शन का आरोप लगाया जिस पर मंत्री मीना सिंह ने कहा कि जांच करा लेंगे और जो पात्र होगा, उसे पट्टा दिया जाएगा।