परीक्षा परिणाम प्रक्रिया में सुधार करे : अभिभावक संघ

पांचवी ,आठवीं के मूल्यांकन की प्रतिक्रिया ऐसी पेचीदा कर दी है कि हर कोई उसे आसानी से पूर्ण करने में सक्षम नहीं , अधिकतर शिक्षक ऑनलाइन प्रक्रिया से डरे हुए हैं , क्योंकि उन्हें मोबाइल, टेबलेट, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस चलाने का कोई ज्ञान नहीं किंतु राज्यशिक्षा केंद्र के आदेशानुसार जो व्यक्ति ऑफलाइन कॉपी जांच रहा है उसी को अपनी आईडी से, उसके द्वारा जांची गई सभी उत्तर पुस्तिकाओं की ऑनलाइन फीडिंग करनी है जिसमें भी बहुत बड़ी परेशानी का सामना एक शिक्षक को करना है , यहां प्रत्येक बच्चे के ,प्रत्येक प्रश्न के, प्रत्येक अंक को ऑनलाइन करना होगा जोकि एक लंबी प्रक्रिया के तहत पूर्ण हो पाता है,….

एक विद्यार्थी के 24 प्रश्न हैं अर्थात सर्वप्रथम शिक्षक कॉपी को ऑफलाइन चेक करेगा तत्पश्चात उसका डाटा एक जाई संधारित करेगा, तब जाकर उस डाटा के माध्यम से एक एक प्रश्न को ऑनलाइन करना होगा, इस तरह की अनावश्यक लंबी पेचीदा प्रक्रिया से अधिकतर सभी शिक्षकों को मानसिक तनाव है, एवं कुछ शिक्षकों को अधिक मानसिक तनाव के कारण इस तरह के हादसे हो रहे हैं , और जिसका मुख्य कारण AC में बैठे उन अधिकारियों के द्वारा मूल्यांकन की प्रक्रिया को बहुत ही जटिल करने के कारण है,

AC में बैठे अधिकारीगण यह नहीं सोचते कि जो शिक्षक ऑनलाइन कार्य में दक्ष नहीं, जिनके पास कोई डिप्लोमा नहीं, नाही उन्हें तकनीकी जानकारी है तब इस तरह की अनावश्यक जटिल प्रक्रिया करने की क्या आवश्यकता , हां यदि आप इस तरह से मूल्यांकन करवाना चाहते हैं तो ऑनलाइन प्रक्रिया को पूर्ण करवाने हेतु ड्यूटी ऑपरेटर्स को देनी थी ना कि शिक्षकों को

वहीं शिक्षकों के मानसिक तनाव का एक दुसरा कारण यह भी है कि मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा शक्ति का प्रदर्शन किया जा रहा है उन्हें निर्देशों की पूर्ती हर हाल में कराने हेतु दंडनीय कार्यवाही करने रूपी मौखिक निर्देश दिए जा रहे हैं जो पूर्व से मूल्यांकन के दौरान मानसिक तनाव से ग्रसित मूल्यांकन कर्ता को और अधिक तनावपूर्ण बना रहे हैं । जिसके कारण भी तबीयत बिगड़ने की स्थिति बनी हुई है।एक ओर तो नई शिक्षण पद्धति के अनुरूप कहा जा रहा है कि केवल 12वीं के अलावा अन्य सभी कक्षाओं की परीक्षा, लोकल, की जा रही हैं, वही पांचवी एवं आठवीं को इस तरह का पेचीदा बना दिया है।

हद है AIR CONDITIONER मैं बैठे पदाधिकारी कोई भी एक उचित निर्णय नहीं ले पा रहे कार्यवाही के लिए लाचार बेबस साधारण कर्मचारियों के पीछे पड़े हैं, बड़े खुश होते हैं जब किसी सामान्य कर्मचारी को किसी भी रूप में दंडित करते हैं। अभिभावक संघ छिन्दवाड़ा म.प्र. ने प्रक्रिया को सुधार कर सरल बनाने की अपील की है