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मोदी सरकार के 9 साल पूर्ण होने पर पूरे देश में निरंतर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, इसी तारतम्य में आज भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं सिरसा की सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल जी एवं राज्यसभा सांसद सुश्री कविता पाटीदार जी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कि माननीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व 9 वर्षों से भारत निरंतर विकास कर रहा है। माननीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार द्वारा गरीब कल्याण की कई योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू भी किया। हमारे प्रधानमंत्री जी का कहना स्पष्ट है कि जो योजनाएं बनाई जा रही हैं उन्हें लागू भी किया जाए । मोदी जी के नेतृत्व में हम 9 सालों से देख रहे हैं कि जिस योजना का हम भूमि पूजन करते हैं उसका लोकार्पण भी करते हैं….

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने सबसे पहले उस विषय की चिंता की जिसे कभी किसी ने सोचा भी नहीं। मोदी जी ने सबसे पहले स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों का निर्माण करवाया। ये महिला सम्मान के लिए आज तक का सबसे बड़ा कदम हैं। इसके बाद माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने उस गरीब वर्ग की चिंता कि जो पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पाते थे। ऐसे गरीब वर्ग के लिए उन्होंने आयुष्मान योजना लागू की।

 आयुष्मान योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्ति द्वारा बड़ी से बड़ी बीमारी का ईलाज निःशुल्क करवाया जा सकता है। आयुष्मान योजना का लाभ जानना है तो उस व्यक्ति से मिले जिसने योजना से लाभान्वित होकर ईलाज करवाया है। इसी तारतम्य में महिलाओं को धुंए से मुक्ति के लिए उज्जवला योजना लागू किए। इस योजना से बीपीएल वर्ग की महिलाओं के पास उनकी स्वयं की संपत्ति बन गई है। माननीय मोदी जी के नेतृत्व में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम किया जा रहा है। आज भारत में सड़कों का ऐसा जाल बिछा दिया गया है कि लम्बी से लम्बी दूरी का समय आधा हो गया है। बहुत हद तक ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजाद मिल गई है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ‘सक्षम भारत सशक्त भारत’ की दिशा में काम कर रहे हैं।
श्रीमती दुग्गल ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान जी के नेतृत्व में महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए लाडली बहना योजना लागू की गई है। इस योजना में महिलाओं को उनके खाते में हर महीने एक हजार रुपए डायरेक्ट ट्रांसफर के माध्यम से दिए जाएंगे। उन्होंने डीबीटी का लाभ बताते हुए कहा कि एक समय वह था कि प्रधानमंत्री खुद मंच से कहते थे कि केंद्र से सौ रुपए चलते हैं तो लाभार्थी के पास पंद्रह रुपए ही पहुंचते हैं और आज ये स्थिति है कि केंद्र से सौ रुपए लाभार्थी के खाते में डाले जाते हैं तो उसे पूरे सौ रुपए ही मिलते हैं। इसी डीबीटी के माध्यम से हर पात्र किसान को 6 हजार रुपए प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं जो पूरे की पूरे उनके खाते में पहुंच रहे हैं।