व्यक्ति अपने सोच के स्तर पर सफल असफल होता है : डॉ. सिंह

छिंदवाड़ा: पी.जी. कॉलेज छिंदवाड़ा की रासेयो की पुरुष इकाई द्वारा आयोजित विशेष शिविर के बौद्धिक चर्चा सत्र में प्रमुख वक्ता बतौर बोलते हुए चांद कॉलेज के प्रेरक वक्ता डॉ.अमर सिंह ने स्वयसेवकों को जीवन प्रबंधन के गुर सीखने को प्रेरित करते हुए कहा कि हर पल में सद्कर्म का निवेश जीत का मर्म है। आज के दिन में किए गुणवत्तापूर्ण कार्यों के कल परिणाम अवश्य मिलते हैं। प्रतिबद्धता, तत्परता, बेताबी कामयाबी की कुंजी हैं। आज पर फोकस ही शोहरत की बुलंदी है। छात्र स्पष्ट लक्ष्यपूर्ति हेतु समयसीमा तय करें..

आधे अधूरे मन से किए जाने वाले कर्म हार की गारंटी होते हैं।नसीब की ऊंचाई लक्ष्य पर बहाए गए पसीने की मात्रा पर निर्भर करती है। नजरिए के स्तर पर जो बदलाव किए जा सकते हैं, उसमें देरी करना स्वयं को विकास की मुख्यधारा से पीछे धकेलना है। कोई भी व्यक्ति अपने सोच के स्तर पर सफल असफल होता है। हार का डर संपूर्ण व्यक्तित्व को बुझदिल बना देता है। अक्सर हम अपनी संभावनाओं से अपरिचित रहते हैं। जो खुद पर जीत हासिल करे, वही दुनिया जीतने का ख्वाब पाले।

शिक्षक श्री सूर्यवंशी ने अपने उद्बोधन में स्वयसेवको को सहृदय नागरिक बनकर राष्ट्रसेवा करने की बात कही रासेयो अधिकारी प्रो.जे. एस. पूषाम ने कहा कि भीतर से प्रेरित व्यक्ति वाह्य दुनिया से जूझकर हार नहीं मानता है। अस्पष्ट सोच संदेहों की जननी होती है। भटकते मन पर काबू पाना सफलता की कुंजी है। प्रो. महेंद्र साहू ने कहा कि उन विचारों से क्या सरोकार, जो हमें पीछे धकेलते हैं। छोटी सफलताएं बड़ी कामयाबी में बाधक होती हैं। मरे हुए बीते कल और अनिश्चित आने वाले कल की चिंता बेशकीमती वर्तमान को नष्ट कर देती है।

पूर्व एनएसएस छात्र दिनेश साहू ने कहा कि स्वयंसेवक शिविर के अनुभवों से औरों से भीड़ से अलग दिखने का सबक सीखें। पूर्व रासेयो स्वयसेवक शिव सिंह डहेरिया ने स्वयंसेवकों की अनुशासन प्रिय, कर्तव्यपथगामी और अपना सौ प्रतिशत देने पर जोर दिया।