बुढ़ापा मस्ती की हस्ती में जीने का स्वर्णिम काल है : प्रो. सिंह 

वरिष्ठ नागरिक एवं समाजसेवी महिलाओं के छिंदवाड़ा मंच द्वारा विश्व नागरिक दिवस पर अस्सी वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित वरिष्ठ नागरिक कार्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि बतौर बोलते हुए प्रेरक वक्ता प्रो.अमर सिंह ने कहा कि वृद्धों को समाज से संवाद, सम्मान व समझ की अपेक्षा है, न कि धन दौलत की। वृद्ध अनुभव के गौरव ग्रंथ होते हैं, जो उन्हें पढ़ पाए वह पढ़ ले….
वृद्धजनों को किसी से शिकायत नहीं होनी चाहिए क्योंकि जो मस्त हैं,उन्हीं के पास समस्त है।एच जिसके पास मस्ती है, उसी की हस्ती है। हम जो कुछ बुजुर्गों को देते हैं मय ब्याज के लौटता है। वृद्ध अपनी विगत की कर्मकीर्ति की स्मृतियों में जिएं। समारोह अध्यक्ष टी.एन. मिश्रा ने कहा कि वृद्ध कोई जीर्ण शीर्ण भवन नहीं हैं, जिसका कोई प्रयोजन न हो। वृद्धावस्था जीवन की शाम है, अंधेरी रात नहीं। वृद्ध अपनी उदासी, अवसाद व भय को रचनात्मक कार्यों में लगाकर दूर कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि साहित्यकार श्री गुलाबचंद वात्सल्य ने कहा कि जर्जर नींव पर महल खड़ा नहीं होता है। वृद्धजन वृद्धमन नहीं होते हैं। उनके पास यादों के जीवन के सबबों का अद्भुत, अनमोल व अकूत खजाने होते हैं। सम्मानित होने वालों में नर्मदा प्रसाद लखेरा, रेखन सिंह वर्मा, जयशंकर शुक्ल, आर.एस. शिवकार, एम. के. वर्मा, टी.एन. मिश्रा, हनुमान प्रसाद पोद्दार प्रमुख हैं।
महामंच के सदस्य रणजीत सिंह परिहार द्वारा रचित “रामायण व रामचरितमानस की रामकथा का अध्ययन” ग्रंथ के उपलक्ष में तथा महिला समाजसेवी श्रीमती बेबी खान, श्रीमती नंदा ठाकरे एवं श्रीमती विमला पवार को अतिथिद्व्य द्वारा श्रीकृष्ण गीता व प्रमाणपत्र द्वारा सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन श्रीमती बेबी खान द्वारा ज्ञापित किया गया।