पं प्रदीप मिश्रा सहित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर जमकर बरसे ..

प्रदेश में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बाबाओं की पूछ परख बढ़ गई है ! इसमे सभी राजनैतिक पार्टियों के लोग शामिल है ! वहीं बाबाओ के पास लम्बी वेटिंग लिस्ट है ! मौजूदा राजनैतिक परिद्रश्य कुछ ऐसा बन गया है की हिन्दू वोटरों के वोट बैंक के धुरविकर्ण के चलते राजनैतिक दल अपनी चुनावी नैया पर करने की फ़िराक में है ! परन्तु गाहेवगाहे एसी परिस्थिति निर्मित हो जाती है जिससे इनके गुप्त एजेंडे का  भांडा जनता के सामने आ जाता है ! ऐसा ही कुछ नर्मदा परिक्रमा पूरी कर वापस लौटे युवा संत राम शंकर महाराज उर्फ डिजिटल बाबा ने प्रदेश सरकार और पंडित प्रदीप मिश्रा सहित बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर जमकर बरसे….

डिजिटल बाबा ने आरोप लगाया कि लोगों की आस्था का इस्तेमाल कर यह बाबा सत्ता के सामने अपनी ताकत प्रदर्शन कर रहे हैं। डिजिटल बाबा ने कहा कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री मंच पर बैठकर नीति निदेशक की बात तो करते हैं लेकिन, वह अपने भाई और अपनी टीम मेंबर्स को इसका पाठ पढ़ाना भूल गए। पहले उन्हें अपने भाई और बाकी मेंबर्स को इसका पाठ पढ़ाना चाहिए। इतना ही नहीं राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा कराई जाने वाली कथा पर भी डिजिटल बाबा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक लोग भी बाबाओं के जरिए अपना स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए हैं, क्योंकि बाबाओं को देखकर भीड़ जुट जाती है। बिना पूर्व तैयारी के इतनी बड़ी भीड़ जुटा लेना, जिसमें लोगों की जान चली जाए, इस हिसाब से तो कथा वाचक पर ही केस दर्ज होना चाहिए।

वैद्धनाथ हिमाचल प्रदेश के आश्रम में रहने वाले डिजिटल बाबा सोशल मीडिया पर खूब छाये रहते हैं। उन्होंने नर्मदा परिक्रमा शुरू की थी जो अब पूरी हो गई है। ऐसे में जब वह परिक्रमा से वापस लौटे तो उन्होंने सरकार और कथावाचकों के ऊपर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि सरकार नर्मदा नदी को साफ करने की बात करती है लेकिन परिक्रमा शुरू करते ही ओंकारेश्वर के गोमुख घाट पर देखा जा सकता है कि पूरे शहर का गंदा पानी मां नर्मदा में मिल रहा है। ऐसे ही सभी दूर शहर का गंदा पानी लाकर मां नर्मदा में डाला जा रहा है। डिजिटल बाबा ने कहा कि सरकार कोई भी हो प्रदेश के मुखिया को इस ओर ध्यान देना चाहिए। डिजिटल बाबा ने नर्मदा में हो रहे अवैद्ध उत्खनन का मुद्दा भी उठाया। साथ ही नर्मदा नदी के किनारे हुए वृक्षारोपण पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे मौसम में वृक्षारोपण किया गया जब बारिश होती ही नहीं, ऐसे में हजारों पौधे मर गए।