पठान समुदाय के सुपरस्टार केवल स्क्रीन पर हीरो हैं ..

प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज अहमद खान की सोसल मिडिया पर बेबाक टिप्पणियों से सियासी हलकों में तूफ़ान खड़ा हो गया है ! वहीं उन्होंने बॉलीवुड के नामचीन और हल ही में सुर्ख़ियों में आये लोगों को नसीहत भी दे डाली की समाजिक बिषयो पर फिल्म बना कर सिर्फ सुर्खियों के साथ पैसा बटोरना है समाजसेवा नही है ! बल्कि समाज के लिए कर गुजरने के जज्बे को पूरी निष्ठा के साथ निभाने बाल ही सही मायने में हीरो होता है ! उन्होंने नाना पाटेकर और सोनू सूद जैसे लोगों की देशभक्ति की सराहना की ….
आईएएस नियाज खान ने हाल ही में ट्वीट करते हुए लिखा कि आमिर खान ने सभी हिंदुस्तानी को द कश्मीर फाइल्स देखने की बात कही है। लेकिन आमिर खान ने डायरेक्टर से ब्राह्मणों पर पैसा खर्च करने का अनुरोध नहीं किया। यह सब अभिनेता डरे हुए हैं।

ट्वीट करते हुए आईएएस नियाज खान ने फिल्म अभिनेता सहित बॉलीवुड पर वौधिक प्रहार किया , साथ ही उन्होंने नाना पाटेकर और सोनू सूद जैसे लोगों की देशभक्ति की सराहना की। श्री खान ने लिखा कि आमिर ने सभी को फिल्म देखने की सलाह दी लेकिन उन्होंने विवेक अग्निहोत्री से ब्राह्मणों पर पैसा खर्च करने का अनुरोध नहीं किया। शायद वह अपने ही करियर को लेकर डरते है। पठान होते हुए भी हम उनकी आँखों में गहरा भय देख सकते हैं। वहीं नियाज़ ने अभिनेता आमिर खान से अपील की है कि कृपया वो पैसा आप ब्राह्मणों पर खर्च करें, जो आपने दंगल से कमाए हैं। आपको बहादुर बनना चाहिए।

इतना ही नहीं आईएएस नियाज खान ने सभी बॉलीवुड अभिनेताओं से केवल स्क्रीन पर हीरो न बने रहने के साथ चैरिटी कर सामाजिक हीरो बनने की सलाह दी है।श्री खान ने कहा मेरे पठान समुदाय के बॉलीवुड सुपरस्टार केवल स्क्रीन पर हीरो हैं, व्यक्तिगत रूप से नहीं। पैसा उनकी मुख्य प्रेरणा है। मेरे हीरो सोनू सूद, नाना पाटेकर हैं। मुझे असली पठान हीरो पसंद है, फिल्मी पर्दे पर नकली हीरो नहीं। उन्होंने सभी अभिनेता से बहादुर बनने और सोनू सूद की तरह चैरिटी का काम करने की सलाह दी है।

ज्ञात हो कि निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स रिलीज होने के बाद आईएएस का ट्वीट चर्चा का विषय बना हुआ है। फिल्म 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में कश्मीरी पंडितों के पलायन और आसपास की घटनाओं पर केंद्रित है। जिसके बाद इस फिल्म को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आई है। इस मामले में 18 मार्च को खान ने ट्वीट करते हुए कहा कि कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं पर फिल्म बनाई जानी चाहिए।

इसके साथ ही नियाज खान ने मांग की थी कि द कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है, उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर घाटी में सुरक्षित रहने की अनुमति उपलब्ध करानी चाहिए। साथ ही निर्माता को कई राज्य में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्या को दिखाते हुए फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं बल्कि इंसान है। मध्य प्रदेश के कई मंत्री और विधायक ने आईएएस नियाज खान को राजनीति न करने और पद की गरिमा का ख्याल रखने के निर्देश दिए थे।

ज्ञात हो कि नियाज खान एक पदोन्नत आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में उप सचिव के रूप में तैनात हैं। वही मंत्री और विधायक के लगातार निर्देश के बाद आईएएस नियाज खान ने कहा कि मैंने फिल्म नहीं देखी है लेकिन फिल्म के कथा और कहानी जो ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है, मैं फिल्म के खिलाफ नहीं हूं। साथ ही श्री नियाज खान ने फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री से फिल्म द कश्मीर फाइल्स से कमाए हुए रकम की आधी राशि कश्मीरी पंडितों पर खर्च करने की अपील की थी। जिसके बाद से यह मामला और गरमा गया था। मिडिया रिपोर्ट