जांच को चकमा दे रहा है वायरस ….?

कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों ने लोगों के मन में चिंता व्याप्त कर दी है। ऐसे वक्त में सबसे जरूरी हो जाता है कि लक्षण दिखते ही जांच कराई जाए जिससे आप स्वयं के साथ दूसरे लोगों को भी सुरक्षित कर सकें। लेकिन क्या कोरोना की जांच के परिणामों पर भरोसा किया जा सकता है? ऐसा सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि हाल फिलहाल कई ऐसे मामले भी देखने को मिले हैं जहां कोरोना की रिपोर्ट तो निगेटिव आती है लेकिन व्यक्ति में लक्षण मौजूद रहते हैं। इतना ही नहीं अन्य दूसरे जांच के आधार पर डॉक्टर संक्रमण की पुष्टि भी कर रहे हैं। तो क्या यदि आपका आरटीपीसीआर टेस्ट नकारात्मक है तो भी आप कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं? आइए इस बारे में विशेषज्ञों से जानते हैं….

डॉक्टर आरटीपीसीआर टेस्ट को कोरोना संक्रमण के परीक्षण के लिए ‘गोल्ड स्टैंडर्ड’ मानते रहै हैं। लेकिन कई मामलों में देखने को मिला है कि आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद, अन्य दूसरे जांच जैसे सीटी स्कैन या छाती के एक्स-रे के आधार पर लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया गया है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या कोविड के नए वैरिएंट्स आरटीपीसीआर टेस्ट को मात दे रहे हैं?

क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
सिग्नस के इंटेंसिव केयर कंसलटेंट डॉ. प्रियरंजन कहते हैं कि आरटीपीसीआर टेस्ट को काफी प्रमाणित माना जाता है। जांच की रिपोर्ट सही न आने का एक कारण यह भी हो सकता है कि सैंपल लेने का तरीका सही न रहा हो। इसमें नाक और गले के काफी अंदर से स्वैब लेने की सलाह दी जाती है। स्वैब लेने के दौरान अगर आप असहज महसूस नहीं करते हैं तो संभव है कि सैंपल सही से न लिया गया हो।

रिपोर्ट सही न आने के कारणों के बारे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार देखा गया है कि लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कुछ ही समय में परीक्षण करवा लेते हैं। इस कारण से भी कई लोगों के रिपोर्ट सही नहीं आते हैं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के लगभग पांच दिनों के बाद यदि आपको लक्षण दिख रहे हों तो ही जांच करना चाहिए।

वायरल लोड का कम होना :- विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आरटी-पीसीआर परीक्षण में वायरल लोड अधिक नहीं है, तो भी परीक्षण की रिपोर्ट नकारात्मक आ सकती है। कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि आज टेस्ट कराने में रिपोर्ट निगेटिव आई हो लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद अगर टेस्ट कराया जाए तो संक्रमण की पुष्टि हो जाती है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड के नए वेरिएंट के मामले में, यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। संभव है कि वायरस के म्यूटेशन आरटी-पीसीआर परीक्षण को चकमा दे सकते हैं। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (यूएस एफडीए) के अनुसार, सार्स-सीओवी-2 के आनुवंशिक वेरिएंट परीक्षण के परिणामों प्रभावित कर सकते हैं।

नोट: यह लेख डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन, एम्स के डॉ. अमनदीप सिंह और इंटेंसिव केयर कंसलटेंट डॉ. प्रियरंजन से एक बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। साभार : मिडिया रिपोर्ट