हंगामेदार होगा विधानसभा सत्र कल से ..

प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले संभवतः आखिरी विधानसभा सत्र कल 11 जुलाई से शुरू होगा। पांच दिवसीय सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस सत्र के हंगामे दार होने की पूरी संभावना है जिसमे सीधी के पेशाब कांड, शिवपुरी में दलित युवको को जूते की माला और फिर गंदगी खिलाने का मामला ,उज्जैन में महाकाल लोक में सप्तऋषि की मूर्तियों के गिरने से लेकर अन्य मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है। भाजपा भी आपने बचाव की तैयारियों में जुट गई है और वह इसके लिए  हरसंभव कदम उठा रही है ….

विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि पहले विधानसभा का सत्र 10 जुलाई को शुरू होना था। अब यह सत्र 11 जुलाई से शुरू होकर 15 जुलाई तक चलेगा। राज्यपाल मंगु भाई पटेल के आदेश पर पुनरीक्षित अधिसूचना जारी कर दी गई है। 11 जुलाई से प्रारंभ होने पांच दिवसीय सत्र में पांच बैठकें होंगी। सत्र के दौरान सरकारी कामकाज किया जाएगा।

कांग्रेस के जानकार बताते है की वे इस पांच दिवसीय सत्र में उज्जैन के श्री महाकाल महालोक में कथित भ्रष्टाचार के साथ ही , सीधी में आदिवासी युवक पर भाजपा नेता के पेशाब कांड को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित को मुख्यमंत्री निवास बुलाकर उसके पैर पखारे हो, कांग्रेस इसे नौटंकी करार दे रही है।

इस कांड से सरकार बैकफुट पर आ गई है परन्तु जितना भी हो डेमेज कंट्रोल के सारे उपाय किये जा रहे है ! सरकार ने आरोपी प्रवेश शुक्ला पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून  के तहत कार्यवाही की। उसे रीवा जेल भेज दिया है। इसके बाद भी कांग्रेस का आरोप है कि 18 साल में मध्य प्रदेश आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार में नंबर-एक रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी साफ संकेत दिए हैं कि यह मुद्दा विधानसभा के मानसून सत्र में अहम रहने वाला है।

कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री बाला बच्चन ने सीधी के पेशाब कांड को क्रूरता का चरम बताते हुए अमानवीयता की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस भी दर्ज होना चाहिए। पीड़ित परिवार को पुलिस प्रोटेक्शन मिलना चाहिए। जब कभी भी ऐसी कोई घटना होती है तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘अपराधियों को 10 फीट जमीन में गाड़ दूंगा’ जैसे बयान देकर इतिश्री कर लेते हैं। कांग्रेस विधानसभा के मानसून सत्र में इस मुद्दे को उठाएगी। कमलनाथ के नेतृत्व में पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे।  मिडिया रिपोर्ट