कमलनाथ ने बजट को बताया झुनझुना ..

आज प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बजट पर मुरैना प्रवास के दौरान अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को प्रगति पथ पर अग्रसर करने के प्रयास निरंतर जारी है। लेखानुदान के रूप में प्रस्तुत किया गया बजट सर्वहितैषी और सर्वस्पर्शी है। बजट में गरीब, महिला, युवा और किसान सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। देश में जारी विकास और जनकल्याण के कार्यों से 25 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से बाहर आई है, जो बड़ी उपलब्धि है..

प्रधानमंत्री के प्रयासों से भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित हुआ है। आने वाले समय में हम पीएम मोदी की मंशा के अुनरूप भारत को विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को साकार करेंगे। अमृतकाल में वर्ष 2047 तक भारत विश्व का प्रथम राष्ट्र होगा।

कमलनाथ ने बजट को बताया झुनझुना ..
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बजट पर कहा कि बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आज पेश किए गए अंतरिम बजट की स्थिति कुछ ऐसी ही है। हमें आशा थी कि चुनाव से पूर्व के इस बजट में वित्त मंत्री बताएंगी कि प्रधानमंत्री ने जो हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था उस हिसाब से 20 करोड़ रोजगार देने का टारगेट कहीं पहुंचा भी या नहीं? मध्यमवर्ग को आशा थी कि सरकार इनकम टैक्स स्लैब में कोई छूट देगी, लेकिन एक बार फिर से अपना जन विरोधी चेहरा सामने लाते हुए मोदी सरकार ने आयकर में कोई छूट नहीं दी। मोदी सरकार ने वादा किया था कि 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी लेकिन आज 2024 के बजट में भी किसानों के पक्ष में एक ढंग की बात भी सरकार नहीं बोल सकी। बजट में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों और जवानों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार ने देश के आर्थिक विकास का कोई खाका पेश नहीं किया है और जो बातें कही हैं, वह 15 और 20 साल दूर की बातें हैं। यह बजट नहीं है, सिर्फ एक झुनझुना है।