भाजपा का मुस्लिमों के प्रति कथित प्रेम ..

प्रदेश में 8 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। यहां पर दो दर्जन सीट मुस्लिम बाहुल सीटें हैं। जबकि करीब 12 सीटों पर मुस्लिम निर्णायक भूमिका में हैं। 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव और इसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव है। ऐसे में मोहन भागवत का मस्जिद जाना भाजपा को फायदा दिला सकता है। यही कारण है कि अब इस मुद्दे पर प्रदेश में राजनैतिक सरगर्मियां तेज हो गई है….

Rss के सर संघचालक मोहन भागवत के मस्जिद जाने से एक नई बहस शुरू हो गई है। कट्टर हिंदू सोच वाले Rss प्रमुख ने ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉ. उमर इलियासी से एक घंटे मुलाकात की।

इसके बाद इलियासी ने भी भागवत को देश का राष्ट्रपिता तक बताया। भागवत के मस्जिद जाने को कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा का असर बताया है।  इसका असर प्रदेश में  भाजपा का मुस्लिमों के प्रति कथित प्रेम उमड़ पड़ा है।

Rss प्रमुख के मस्जिद और मदरसा जाने को लेकर प्रदेश में राजनीति चरम पर पहुँच गई है। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उनकी सोच शुरू से ही साफ है। मुसलमान से बैर नहीं और आतंकियों की खैर नहीं। अब Rss की यह पहल कांग्रेस को समझ में नहीं आ रही है। इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा भारत जोड़ो यात्रा का असर है कि भागवत जी मस्जिद और मदरसा गए। यह देश सबका है, इसी भावना से यदि RSS काम करे तो हमें उनसे क्या आपत्ति होगी?

दिग्गी ने आगे कहा कि यदि अब मोहन भागवत आप अखलाक के परिवार से भी मिलें, बिलकिस बानो को भी न्याय दिलवाएं। बलात्कारियों का सम्मान करने वालों के खिलाफ बयान दें। जहां-जहां निर्दोष मुसलमानों को आपके कार्यकर्ताओं ने सताया है, उनसे माफी मांगें, उन्हें न्याय दिलवाएं तो हमें भरोसा होगा कि RSS की सोच में फर्क आ रहा है। अन्यथा आपका मदरसा-मस्जिद जाना केवल दिखावा होगा। यह कहावत है न हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं और खाने के और होते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक राष्ट्रवादी मुस्लिमों को खुद से जोड़ने के लिए भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लगातार प्रयास करता आया है। मध्यप्रदेश में अगले साल यानी 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। हर राजनीतिक दल की तरह भाजपा भी इस प्रयास में है कि उसका वोट प्रतिशत और सीटें बढ़ें।

प्रदेश में मुस्लिम वोट प्रतिशत अन्य बड़े राज्यों जितना तो नहीं है पर हां, कुछ सीटें लगातार कांग्रेस के मुस्लिम नेता जीतते चले आ रहे हैं तो कुछ सीटों पर मुस्लिम वोट चुनाव परिणाम को प्रभावित करते हैं।

ऐसे में भाजपा इस वोट बैंक में सेंध लगाने और शिक्षित मुस्लिमों के बीच पैठ बनाने की कोशिश करती नजर आ रही है। कुछ महीने पूर्व हुए नगरीय निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी और ओवैसी की पार्टी की कुछ स्थानों पर जिस तरह मजबूत स्थिति दिखी है। वह आगामी विधानसभा चुनाव के दिलचस्प होने की ओर इशारा करती है।