सदन में महिला दिवस पर बधाई ..

मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा के चौथे बजट सत्र का आज 8 मार्च को दूसरा दिन था,मंगलवार को मध्यप्रदेश विधान पूर्वाह्न 11.02 बजे जैसे ही समवेत हुई। अध्यक्ष मध्यप्रदेश विधानसभा श्री गिरीश गौतम पीठासीन हुए और सदन की कार्यवाही प्रारंभ की।

संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र खड़े हुए और कहा एक मिनट चाहता हूं. मार्शल के रूप में हमारी बहन है.आपके आसंदी के पीछे हमारी बेटी खड़ी है. आज महिला दिवस है और इस महिला दिवस के रूप में आज यहां जिसको हम लोग जो वेल बोलते हैं, पूरे में नारी शक्ति विराजमान है। डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा ” यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता: ” या नारी का सम्मान जहां है, संस्कृति का उत्थान वहां है और यह सिर्फ हमारी धरा पर ही मिलता है और कहीं नहीं मिलता है। 

हम हैं जो सिर्फ भारत को माता कहते हैं. कोई भी विश्व के अंदर ऐसा देश नहीं है जिसको ‘मां’ का दर्जा मिला हो. आपने कभी नहीं सुना होगा पाकिस्तान फादर है, इंग्लैंड डैडी है. सिर्फ ‘भारत माता’ है. हमारी संस्कृति में इस तरह कहा है कि अगर हमें ताकत चाहिए तो हम दुर्गाजी के पास जाते हैं. विद्या चाहिए तो सरस्वती माता के पास जाते हैं. पैसा चाहिए तो लक्ष्मी जी के पास जाते हैं. ममता चाहिए तो यशोदा मां के पास जाते हैं और मातृत्व चाहिए तो गौरी के पास जाते हैं, प्रचण्ड शक्ति चाहिए तो काली के पास जाते हैं. यह सिर्फ हमारे यहां पर ही है। यह सिर्फ हमारे यहां पर ही है. हम कहते हैं कि “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है, जिसके वास्ते यह तन है, मन है और प्राण हैं। जिसकी गोद में हजारों गंगा जमुना झूलतीं और जिसके पर्वतों की चोटियां गगन को चूमतीं, भूमि यह महान है, निराली इसकी शान है, स्वतंत्र यह वसुंधरा, स्वतंत्र आसमान है।

डॉ. नरोत्तम मिश्रने सदन में कहा यह वह धरा है और इसलिए हम मां को नमन करते हैं. हम मानते हैं कि ईश्वर सब जगह नहीं पहुंच सकता था, इसलिए उसने मां को बनाया. स्वयं गीले में रहकर अपने बच्चे को सूखे में सुलाने की ताकत अगर इस पृथ्वी पर किसी में है तो वह मां में है,आज भी हम अपनी पूजा में आराधना में इस सृष्टि में आप देखेंगे।

डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा सीताराम पहले सीता, राधेश्याम पहले राधे, गौरीशंकर पहले गौरी, लक्ष्मीनारायण पहले लक्ष्मी, यह इसी संस्कृति में है. विश्व में यह किसी संस्कृति में नहीं है और हमारे यहां शायरों ने बहुत अच्छी अच्छी बातें कही हैं कि -“बुलंदियों का बड़ा से बड़ा मकां छुआ,ऊछाला गोद में मां ने तब आसमान छुआ.” ।

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा यह हमारी संस्कृति में ही है. क्या सूरत, क्या सीरत थी, मां ममता की मूरत थी, पावं छुए और काम हुए, मां तो एक महूरत थी. ऐसी मातृ शक्ति को प्रणाम करने का दिन है और आज मैं आपके माध्यम से समस्त मातृ शक्ति को प्रमाण करता हूं।

संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को बताया की आज हमारे मुख्यमंत्री जी भी देवास में हैं, वैसे तोआपसे अनुमति लेकर गये हैं. आपको विधिवत् सूचना दी है. स्वयं मध्यप्रदेश में इसकी शुरुआत करने वाले हैं. जैसे आपने आज पूरे के पूरे सचिवालय में मातृ शक्ति का सम्मान किया है. हमने भी जीवन को गति देने वाली अपनी बेटियों को,अनियंत्रित गति को नियंत्रित करने के लिए पूरे प्रदेश में आज ट्रैफिक व्यवस्था बेटियों के हाथ में दी है. मैं सभी को बधाई देता हूं, प्रमाण करता हूं।

कृषि मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा एक ही दिन क्यूं, यह हमेशा व्यवस्था होना चाहिए।

मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्यविपक्षीदल कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष श्री कमलनाथ ने कहा आज मातृ दिवस है, मैं मातृ दिवस कहना चाहता हूं. मैं सब माताओं और बहनों को प्रणाम करता हूं,भारत की पहिचान हमारी संस्कृति से है, हमारी सभ्यता से है. पर भारत की पहिचान हमारे देवी, देवताओं से भी है और ऐसा कोई देश नहीं है पूरे विश्व में, जहां इतनी देवियां हों. ऐसा कोई देश नहीं है।

कमलनाथ ने बताया की मुझसे एक दफा विदेश में पूछा गया कि आप अपने देश को कैसे पुकारते हो. मैंने कहा कि मदर इण्डिया. मदर इण्डिया करके हम पुकारते हैं. तो जब यह प्रश्न पूछा गया कि क्यों मदर इण्डिया आप कहते हैं. बाकी सब देश तो अपने आपको अलग अलग नामों से पुकारते हैं. मैंने कहा, क्योंकि यही भारत की पहिचान है. आज हम सब इनको इस दिवस पर प्रणाम करते हैं, बधाई देते हैं,आज हम श्रीमती कस्तूरबा गांधी जी को भी याद करते हैं. केवल घर में ही नहीं, हमारा घर ही नहीं सम्भाला, हमारी माताओं और बहनों ने,अगर हम देश का इतिहास देखें, तो कितनी सारी हमारी महिलाओं का योगदान था।
कमलनाथ ने कहा आज अगर हम यहां इस सदन में खड़े हैं, इस सदन में हम अपने प्रजातंत्र के कारण खड़े हैं और यह प्रजातंत्र की लड़ाई हमारी कितनी माताओं और बहनों ने लड़ी थी. यह भी बात आज हमें याद रखनी चाहिये. तो आज एक ऐसा दिन है, दिवस तो बहुत सारे आते हैं, पर महत्वपूर्ण दिवसों में से एक सबसे महत्वपूर्ण दिवस जो है, वह है आज हमारी माताओं और बहनों का दिवस है. यह कहना कि यह महिला दिवस है, मैं सोचता हूं कि यह इसमें परिवर्तन होना चाहिये. आज हमारी माताओं और बहनों का दिवस है, मैं उन्हें प्रणाम करता हूं। हम सब इस सदन की ओर से, मैं तो सोचता हूं, मेरा सुझाव है कि आज के दिन ऐसी परम्परा नहीं रही है, पर आज के दिन यह सदन एक छोटा सा दो लाइन का प्रस्ताव भी पास करे।

मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर श्री गिरीश गौतम पीठासीन थे ने कहा आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है. मैं मातृ शक्ति को नमन करता हूं. प्रति वर्ष 8 मार्च को आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं के द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिये उनके प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति हेतु पूरे विश्व में महिला दिवस मनाया जाता है. हमारी संस्कृति में महिलाओं का स्थान सदैव ही ऊंचा रहा है. हमारे ग्रंथों में इस तरह के तमाम वर्णन हैं. हमारी परम्पराएं तथा लोकाचार यह सिखाता है कि नारी के प्रति आदर, सम्मान, श्रद्धा, कृतज्ञता का भाव हमेशा रहना चाहिये. आज महिलाएं आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं. समाज में उनका महत्वपूर्ण स्थान है.उनकी भूमिका है.अपने गुणों के आधार पर वे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त होकर स्वयं के, समाज के और राष्ट्र के विकास में महती भूमिका का निर्वहन और उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. आज मैं इस अवसर पर अपनी और पूरे सदन की ओर से इस सदन की सम्मानीय महिला सदस्यों सहित इस प्रदेश की समस्त महिलाओं को बधाई तथा शुभकामनाएं देते हुए उनकी चहुंमुखी प्रगति की कामना करता हूं. हमारे यहां पर जो महिलाएं बैठी हैं, इनको भी प्रणाम करता हूं और यह भी जानकारी देना चाहता हूं कि आज हमारी वाहन चालक भी हमारी महिला शक्ति, नारी शक्ति मुझे लेकर के विधान सभा के भीतर आई हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर श्री गिरीश गौतम ने सदन में बताया की श्री लक्ष्मीनारायण गुप्त,भूतपूर्व विधान सभा सदस्य श्री रमेश वर्ल्यानी,भूतपूर्व विधान सभा सदस्य श्री मदन सिंह डहरिया,भूतपूर्व विधान सभा सदस्य श्री तिलक राज सिंह,भूतपूर्व संसद सदस्य और सुश्री लता मंगेशकर,सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका के निधन पर सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं इसके बाद अब सदन द्वारा दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई  …………..आलेख -सरमन नगेले