मामूली लिपिक के घर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा ..

प्रदेश में लगातार भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी अपना काम बखूबी निभा रही हैं और रोजाना ही लगभग किसी ना किसी भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी को अपनी गिरफ्त में ले रही हैं ! बावजूद इसके भ्रष्ट अधिकारी अपनी बेजा हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं ! ना ही उन्हें इस बात का खौफ है की भविष्य में उनकी नौकरी और जेल जाने का रास्ता साफ़ होगा और बदनामी अलग होगी !  बावजूद इसके भी वह सिर्फ अवैध रूप से नोट उगाही का काम कर रहे हैं ..

इसी तारतम्य आज सुबह आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने  प्रदेश के उज्जैन में  कार्रवाई करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग  के एक सहायक शिक्षक धर्मेंद्र चौहान ठिकाने पर छापेमारी की और शुरूआती  तलाशी में ही करोड़ों की चल अचल संपत्ति मिली है।फिलहाल जांच जारी है और शाम तक साफ़ साफ़ कहा जा सकता है ।

आज बुधवार सुबह EOW ने शासकीय महाराज वाड़ा स्कूल के लिपिक धर्मेंद्र चौहान के अवंतिपुरा स्थित घर पर आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर छापामार कार्रवाई की। शुरूआती जांच में टीम ने लिपिक के घर से करोड़ों की जमीन के दस्तावेज, 2 मकान, 2 गोदाम, 2 चार पहिया वाहन, 2 ट्रैक्टर तथा नकदी व जेवरात मिले हैं।वही 34 हजार रुपए कैश भी मिले है।इसमें महालक्ष्मी कॉलोनी में आलीशान मकान, बड़नगर स्थित ग्राम धरेड़ी में करोड़ों की जमीन, ट्रैक्टर, थ्रेशर मशीन, स्कार्पियों व स्विफ्ट कार, यूको बैंक में लाकर की जानकारी भी सामने आई है।

ज्ञात हो कि धर्मेंद्र चौहान वर्ष 1994 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से नौकरी पर लगा था और उसकी सैलरी 750 रुपये प्रति माह थी और वर्तमान में 35 हजार रुपये है, बावजूद इसके लिपिक के घर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र वर्ष 2005 से 2010 तक जिला पंचायत में अध्यक्ष का पीए रहा था, तभी उसने अबैध रूप से आकूत संपत्ति इकटठा की। EOW को बैंक लॉकर, पैतृक जमीन,नौकरी के दौरान जमीन व संपत्ति खरीदी के बारे में भी जानकारी मिली है।