वह मिटटी पुजने लगती है….

कलाकार की प्रशंसा ही उसका सबसे बड़ा पारितोषक होता है और वह भी जब कलाकार मिटटी से खेलता है ! मानव सभ्यता में सबसे पहले माता प्रथ्वी की मिटटी की प्रतिमा प्राप्त हुई थी ! इसका मूक और गूढ़ सन्देश था की  मिटटी से ही सब उपजे है और एक दिन सब मिटटी में ही समा जायेंगे ! इस मूल मन्त्र को शिरोधार्य कर कलाकार जब मिटटी के साथ ध्यानस्थ होता है तो कलाकार जिस मिटटी को छू ले वह मिटटी पुजने लगती है ! यही कलाकार की उपलब्धि और साधना का पारितोषक है ! इसी की परणीती कलाकार की परिकल्पनाओ को पर प्रदान कर उसकी कृति को जिवंत और ह्रदयस्पर्शी स्वरूप देती है ! जिसे जिस भाव से निहारे वह उसी का अहसास दिलाती और वातावरण को भगवत्ता से सराबोर कर देता है, जहाँ न आर्य, अनार्य का भेद स्वमेव विलोपित हो सब शून्य में समाहित हो समाधि का अहसास कराता है …. राकेश प्रजापति 

नवरात्र प्रारंभ होने के पूर्व ग्राम साहेब सिंगोडी के प्रसिद्ध मूर्तिकार पवन प्रजापति के द्वारा मातारानी का मुख हंसता हुआ बनाया गया हैं जो कि सोसल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है ! मां दुर्गा की आकर्षक प्रतिमा सोशल मीडिया और फेसबुक सहित व्हाट्सएप पर हंसते हुए वाली दुर्गा प्रतिमा को देखने के लिए अनेक लोग सिंगोड़ी के प्रसिद्ध मूर्तिकार पवन प्रजापति के घर पहुंच रहे है। कोरोना काल में लोगों के चेहरे पर दुख और उदासी देखी मन में विचार आया कि मां दुर्गा की ऐसी प्रतिमाएं बनाई जाए जिन्हें देखकर लोग अपने दुख हुआ गमों को भूल जाए और हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत करें !

यह कहना है युवा मूर्तिकार पवन प्रजापति का जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत सिंगोली के निवासी मूर्तिकार पवन प्रजापति ने मिट्टी से ऐसी प्रतिमा तैयार की जो देखने में सही नजर आती है जिले के अलावा आसपास के जिलों में भी उनके द्वारा बनाई प्रतिमाएं चर्चा में है सोशल मीडिया पर भी पवन की मूर्तियां छाई हुई है

 मूर्तिकार द्वारा बनी मूर्ति पांच जिलों में विराजमान है जिनमे छिंदवाड़ा ,होशंगाबाद, नरसिंहपुर,सिवनी ,बैतूल एवम अन्य क्षेत्रों के हिसाब से छिन्द्वारा जिले का  सिंगोड़ी एक छोटा सा गांव है जो आकर्षक का केंद्र बना हुआ है पवन मूर्तिकार से मिलने लिए लोग बहुत उत्सुक है जो वर्तमान में पूरे मध्यप्रदेश में छाए हुए है !