तिरंगा मातृभूमि के बलिदानियों का गौरव आभूषण है : प्रो. सिंह

शासकीय महाविद्यालय चांद (छिंदवाड़ा) में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के तहत “तिरंगे के राष्ट्रीय महत्व” पर आयोजित व्याख्यान में बोलते हुए प्रो.अमर सिंह ने कहा कि तिरंगा कुर्बानी से मिली गुलामी से मुक्ति का प्रतीक है। यह समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति को बेफ़िक्री की सलामी देता है। यह सीने पर गोली खाने वालों का यशगान है।तिरंगा मातृभूमि के बलिदानियों का गौरव आभूषण है….

यह कुर्बानी से मिली तिरंगे की आन बान शान की खातिर लाखों लोगों ने कुर्बानी दी है, हमारा जीना मरना इसके लिए ही है। प्राचार्य डॉ. डी. के. गुप्ता ने कहा कि आजाद भारत में तिरंगे का अर्थ नागरिकों की ऐसी आज़ादी से है जिसमें सभी के मन निर्भय हों, मस्तक गर्व से ऊंचे हों और निरंतर विस्तारित विचार हों

प्रो. रजनी कवरेती ने तिरंगा क प्रतीकात्मक अर्थ है जहां धरा किसी भी तरह से विभाजित न हो, संकीर्ण सोच की मानसिकता की दीवारें किसी की प्रगति में अवरोध न बनें। क्रीड़ाधिकारी प्रो.जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि तिरंगा का अर्थ है जहां नकारात्मकता का साम्राज्य न हो, जहां बिना थके प्रयास परिपूर्णता की ओर बढ़ रहे हों और कोई भी व्यक्ति अपने अभावों के कारण न्याय से वंचित न हो।

संतोष अमोडिया ने कहा कि तिरंगा का संदेश है कि जहां सत्य का मार्ग अवरूद्ध न हो। जहां धार्मिक, शारीरिक और मानसिक आजादी जीवन की हर सांस में उतरे। प्रो.सुरेखा तेलकर ने कहा कि तिरंगा ताकत, साहस, शांति, ऊर्जा, समृद्धि, परस्पर विश्वास और सार्वभौमिक सत्य के पोषण का प्रतीक बने।