आरक्षण के हिसाब से BJP के पास कई जिलों में नही है उस जाति के सदस्य ..

सीधी, खंडवा, रतलाम,में नहीं हे अध्यक्ष पद के लिए उस जाती वाले सदस्य …. कटनी में किन्नर मला मौसी की चमक सकती किस्मत, अलीराजपुर में विवाद की स्थति .. आगामी  29 जुलाई को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भाजपा को कई जिलों में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालात यह हैं कि कई जिलों में तो जिस कैटेगरी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का पद आरक्षित है, उस कैटेगरी के जीते हुए भाजपा के समर्थित जिला पंचायत सदस्य ही नहीं हैं। ऐसे में बीजेपी को इस कैटेगरी के निर्दलीय या पार्टी के अधिकृत समर्थित प्रत्याशी के विरुद्ध बगावत कर चुनाव लड़ने वाले जिला पंचायत सदस्यों को साधना पड़ रहा है। गौरतलब है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि बीजेपी 44 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाएगी, ऐसे में इस तरह की स्थितियों में पार्टी को अधिकांश जिलों में जोड़-तोड़ करनी पड़ रही है

सीधी में अनारक्षित महिला कैंडिडेट नहीं बीजेपी के पास :- सीधी जिला पंचायत सदस्य का परिणाम घोषित होने के बाद बीजेपी में जहां अनारक्षित महिला सदस्य का नितांत अभाव है। वहीं कांग्रेस में कई महिला सदस्य दावेदार हैं। कांग्रेस से प्रमुख दावेदारों में मीनू केडी सिंह, नीलम कुलदीप शुक्ला और श्रद्धा देवेंद्र सिंह हैं। बीजेपी से जीते महिला सदस्यों में पूजा कुशराम, हीराबाई सिंह और सरस्वती बहेलिया प्रमुख हैं।

पूजा और हीराबाई आदिवासी वर्ग से आती हैं, जबकि सरस्वती अन्य पिछड़ा वर्ग से है। ऐसे में बीजेपी या तो इन्हीं में से किसी एक को अध्यक्ष बनवाएगी या फिर कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को बीजेपी

ज्वाइन कराएगी। यहां अजय सिंह राहुल और कमलेश्वर पटेल भी अपनी कोशिश में जुटे हैं।

कटनी में निर्दलीय किन्नर की चमक सकती है किस्मत :- कटनी जिला पंचायत में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति (एससी) महिला के लिए आरक्षित है। यहां जिला पंचायत सदस्यों की चौदह सीटें हैं, जिनमें से केवल दो अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें से एक बहोरीबंद के वार्ड क्रमांक 2 से सुनीता मेहरा हैं जो कांग्रेस के पूर्व विधायक सौरभ सिंह की करीबी मानी जाती हैं। दूसरी सीट रीठी के वार्ड नं 9 से किन्नर माला मौसी ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीती है। जिले की 14 सीटों में से सात पर भाजपा अपनी जीत का दावा कर रही है। जीते हुए पांच उम्मीदवार कांग्रेस समर्थित हैं। एक-एक सीट निर्दलीय और बसपा समर्थित के खाते में गई है। ऐसे में बीजेपी किन्नर माला मौसी को पार्टी ज्वाइन कराकर जिला पंचायत अध्यक्ष बना सकती है तभी अध्यक्ष का पद बीजेपी को मिल सकेगा।

 

रीवा में निर्दलीय को ज्वाइन कराया बीजेपी :- रीवा जिला पंचायत अध्यक्ष का पद एसटी महिला के लिए आरक्षित है और यहां भाजपा समर्थित कोई महिला जिला पंचायत सदस्य नहीं बन सकी है। ऐसे में बीजेपी ने हनुमना क्षेत्र की एक निर्दलीय विजेता सदस्य को पार्टी की सदस्यता दिलाई है और अन्य सदस्यों को साधने के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष का पद हासिल करने की कवायद तेज कर दी है।

 

बीजेपी की बागी बनेगी खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष :- खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदारों में कंचन पति मुकेश तनवे वार्ड क्रमांक 2 से जीती है लेकिन यह भाजपा की समर्थिक प्रत्याशी का विरोध कर बगावत के साथ चुनाव लड़ी और जीत गई है। ऐसे में भाजपा के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है कि बागी कंचन को पार्टी में वापस ले और जिला पंचायत अध्यक्ष बनाए। भाजपा के आठ सदस्य जीते हैं और दो बागी निर्दलीय मिलाकर उसके पास बहुमत का आंकड़ा है।

 

रतलाम में बागी के साथ आने पर ही मिलेगा अध्यक्ष का पद :- रतलाम जिला पंचायत में कुल 16 वार्ड है जिसमें बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों ने 7 जीते हैं तो कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने 3 पर विजय पाई है। जयस ने 4 वार्ड पर कब्जा जमाया है। वहीं 2 वार्ड निर्दलीयों ने जीते हैं। रतलाम जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अजा महिला के लिए आरक्षित है। इस वर्ग की जो महिलाएं जीती हैं उनमें एक बीजेपी से हैं जबकि दूसरी बीजेपी की बागी हैं। नौ सीटों की पूर्ति के लिए बीजेपी को बागी के सहारे की जरूरत है।

 

अलीराजपुर में बीजेपी वाले ही बीजेपी के विरोधी :- अलीराजपुर जिले में जो तस्वीर सामने आई है, उसमें भाजपा के लोग ही इस कवायद में जुट गए हैं कि किसी दूसरे दल का सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष बन जाए। बताया जाता है कि यहां से पूर्व विधायक नागर सिंह चौहान ने कई समर्थकों को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ाया था लेकिन संयोगवश सभी हार गए। अब जो जीते हुए कैंडिडेट हैं, उससे बीजेपी का जिला पंचायत अध्यक्ष बन सकता है और इसके लिए भाजपा जिला अध्यक्ष वकील सिंह ठकराला की पत्नी सुरेखा ठकराला की दावेदारी भी सबसे तेज है पर सूत्रों का कहना है कि नागर सिंह चौहान समर्थक इस कोशिश में जुट गए हैं कि सुरेखा ठकराला जिला पंचायत अध्यक्ष न बन पाएं, भले ही कोई दूसरा या कांग्रेस का ही क्यों न बन जाए? यह मामला प्रदेश संगठन तक पहुंच गया है।