वीडियो बना रहे पत्रकार पर बाघ ने किया हमला ..

वीडियो बना रहे पत्रकार पर बाघ ने हमला कर दिया। वनकर्मी एवं ग्रामीणों द्वारा होहल्ला मचाकर लाठियों से बाघ को भागने पर मजबूर कर दिया। पत्रकार दिनेश जैन को गंभीर हालत में प्राथमिक चिकित्सा के बाद ग्वालियर भेजा गया है। यह बाघ राजस्थान के रणथम्बोर टाइगर रिजर्व से अपने क्षेत्र को छोडक़र चम्बल के बीहड़ों में निकला हुआ है। इसे मोहन नाम से जाना जाता है। गत दिवस गुर्जा सरसेनी के बीहड़ों में बाघ मोहन ने एक गाय का शिकार भी किया है। इसकी सूचनायें रणथम्बोर से मुरैना के वन विभाग को निरंतर भेजी जा रही है। मुरैना वन अमला क्षेत्र में लगातार रेस्क्यू भी कर रहा था..

मुरैना जिले के जौरा तहसील मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रूनीपुर गांव में आज सुबह 5 से 6 बजे के बीच बाघ दिखाई दिया। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। गांव में एक दूसरे को बाघ से सुरक्षित रहने की मुनादी करते हुये लोग अपने घरों की छतों पर पहुंच गये। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग का अमला गांव में पहुंच गया, इसी दौरान जौरा के न्यूज चैनल व समाचार पत्र में कार्य कर रहे दिनेश जैन भी गांव में पहुंच गये।

रूनीपुर गांव के स्कूल की साइड में बनी एक पुरानी पाटोर में बाघ मोहन आराम कर रहा था। पत्रकार ने जैसे ही वीडियो बनाना शुरू किया वैसे ही बाघ हमले की मुद्रा में आ गया। इसे देख दिनेश जैन ने भागने का प्रयास किया तभी बाघ ने उसकी पीठ पर पंजों से हमला कर दिया। हमला इतना जोरदार था कि कंधे से काफी मांस खींचकर बाघ ले गया। इस दौरान वनकर्मी विनोद उपाध्याय तथा ग्रामीण दीपू व कमलू ने चीख-पुकार मचाते हुये बाघ पर लाठियों से हमला किया। इससे बाघ भागकर फिर पाटोर में पहुंच गया।

जिला प्रशासन व पुलिस को जानकारी मिलते ही सुरक्षा की दृष्टि से बल पहुंचाया गया है। वहीं जिला कलेक्टर अंकित अस्थाना ने रेस्क्यू दल के लिये वन विभाग के आलाधिकारियों से कहा है। दोपहर में शिवपुरी से रेस्क्यू दल जौरा के रूनीपुर गांव में पहुंच जायेगा। वर्तमान समय में खेती का काम चलने से किसान सुबह खेतों की ओर निकले थे, लेकिन बाघ के कारण वापस अपने घरों में पहुंच गये। ग्रामीणोंजन अपनी छतों पर लाठी-डण्डे लेकर बैठ गये हैं। वहीं ग्रामीणों तथा पुलिस प्रशासन का संख्याबल अधिक होने के कारण हो रही आवाजों से बाघ भी सहमा हुआ है। वह सुरक्षा के लिये गांव के बीच में ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक भागदौड़ कर रहा है। बाघ के कारण ग्रामीणों को स्वयं अपनी तथा पशुओं की चिंता हो रही है।

रणथम्बोर टाइगर रिजर्व में मोहन नाम से दर्ज यह बाघ अपने क्षेत्र को छोडक़र चम्बल के बीहड़ों को अनेकों बार समय-समय पर बसैरा बना लेता है। संभवत: चम्बल के बीहड़ मोहन को रास आने लगे हैं। बाघ एक दिन में 35 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है। किसी गांव के मध्य में बाघ आ जाने की यह पहली घटना नहीं है हालांकि इस बार सैकड़ों ग्रामीण पुलिस प्रशासन व वन विभाग के लोग खुली आंखों से बाघ को देख रहे हैं। मुरेना से उपेंद्र गौतम की रिपोर्ट