भाजपा-कांग्रेस को हराने बाले राजेश जिन्दगी से जंग हार गये ..

राजेश भोयर एक ऐसा चेहरा जिससे भी एक बार मिला वह शक्श फिर उसी का हो लिया , हमेशा चेहरे पर मुश्कुराहट और शालीन तरह से मिलने बाला ज़िंदा दिल ,हर दिल अजीज, जिन्दगी की जंग हार गया  छिंदवाड़ा नगर निगम के निर्दलीय पार्षद राजेश भोयर ने बुधवार को फांसी लगाकर जान दे दी। राजेश छिंदवाड़ा के गुलाबरा में रहते थे। बताया जा रहा है कि घटना वाले दिन शाम साढ़े पांच बजे से साढ़े सात बजे के आसपास राजेश घर में थे। रात को उनका भांजा खाना देने आया तो राजेश घर के तीसरे कमरे में फंदे पर झूलते मिले। उन्हें तत्काल परासिया रोड स्थित निजी अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ….

राजेश भोयर (40 वर्षीय) गुलाबरा के वॉर्ड क्रमांक 42 से निर्दलीय पार्षद थे। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को हराकर चुनाव जीता था। आत्महत्या के पीछे मानसिक तनाव को वजह बताया जा रहा है। कुछ लोगों ने दिन में राजेश को शहर में घूमते भी देखा था। वहीं,  कुछ लोगों से उन्होंने  मुलाकात भी की थी। मौत को गले लगाने से पहले वह पांच बजे घर पहुंचे तो उनके भांजे ने उन्हें चाय पिलाई थी।
शाम साढ़े सात बजे वह फंदे पर झूलते मिले। पुलिस ने सूचना के बाद राजेश के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रख लिया है। प्रकरण में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है।
राजेश इन दिनों बीमार चल रहे थे। मंगलवार रात भी उन्होंने घर में काफी हंगामा किया था। बुधवार सुबह उठे तो उन्होंने अपने किसी दोस्त को फोन कर जानकारी दी थी कि अच्छा नहीं लग रहा। उन्होंने कोलाढाना में अलग रह रही पत्नी खुशबू भोयर से भी संपर्क किया। खुशबू खुद घर आई और डॉक्टर को दिखाने ले गई थी। चेक-अप में राजेश का ब्लडप्रेशर 200 के आसपास था। दोपहर में उन्होंने अपने दोस्त से नागपुर जाकर चेक-अप कराने की बात कही थी, लेकिन शाम को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

दो बार के पार्षद थे राजेश
राजेश भोयर दो बार भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर पार्षद रह चुके थे। पूर्व में वे सभापति भी रहे हैं। हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनाव में राजेश ने भाजपा से टिकट मांगा था। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और 1060  मत हासिल किए थे। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के जगदीश झांझोट को 530 और भाजपा के दिनेश मालवी को 502 मत ही हासिल हुए थे ।