कमलनाथ की तानाशाही के चलते गिरी थी सरकार

प्रदेश में चुनावों की तैयारियों में लागी राजनैतिक पार्टियों के लिए अपनी ही पार्टी के भीतर के बगावती तेवर खासे परेशान कर रहे है ! ऐसा नहीं है ये सिरदर्द किसी एक पार्टी के लिए नासूर साबित हो रहा है ? बल्कि ये नासूर सभी पार्टियों को खासा परेशान कर रहा है ! नेताओं के आया राम- गया राम का दौर भी शुरू हो गया है ! इसी तारतम्य में प्रदेश कांग्रेस ने डिंडौरी जिला कांग्रेस अध्यक्ष वीरेंद्र बिहारी शुक्ला को हटाकर अशोक पड़वार को अध्यक्ष बना दिया। इससे पार्टी के अंदर भूचाल खडा हो गया है ! जिले के कई नेताओं ने विरोध करते हुए पार्टी से इस्तीफे दे दिए….

वीरेंद्र बिहारी शुक्ला को जिले के अध्यक्ष पद से हटाए जाने से नाराज जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते, उपाध्यक्ष अंजू ब्यौहार, नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सारस समेत जिला पंचायत सदस्य एवं पार्षदों ने कांग्रेस पार्टी से सामूहिक इस्तीफे दे दिए। वीरेंद्र बिहारी के समर्थन में कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस करके इस्तीफे की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र बिहारी के नेतृत्व में सालों बाद जिला पंचायत एवं नगर परिषद में कांग्रेस ने जीत हासिल की। बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया।

जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने वीरेंद्र बिहारी को हटाने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम पर साजिश रचने का आरोप लगाया। जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए। उन्होंने न सिर्फ स्थानीय विधायक ओमकार मरकाम बल्कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार सिंधिया की वजह से नहीं, कमलनाथ की मनमानी के चलते गिरी।

Vijay Tiwari@vk953     डिंडौरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद वीरेंद्र बिहारी शुक्ला का छलका दर्द,कहा सिंधिया नहीं कमलनाथ की तानाशाही के चलते गिरी थी सरकार,शुक्ला के समर्थन में जिलापंचायत अध्यक्ष,नगर परिषद अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा